रविवार, 28 मई, कोलकाता महानगर की साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ‘वाराही’ द्वारा एक विराट कवि सम्मेलन का आयोजन कोलकाता के ऑर्डनेन्स क्लब में किया गया जिसमें समूचे देश के विभिन्न क्षेत्रों से एकत्र हुए प्रतिष्ठित कवियों एवं कवयित्रियों ने अपने काव्य का भरपूर जलवा बिखेरा |
अरुण जैमिनी की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष एवं सामाजिक कार्यकर्ता नबनीता चक्रवर्ती तथा विशिष्ट अतिथियों के रूप में मंजुल शंखधार, आत्माराम काजड़िया, डॉ० राजीव कुमार रावत, रचना सरन उपस्थित रहें। संचालन का भार सम्भाला सर्वेश अस्थाना एवं संस्था की अध्यक्ष नीता अनामिका ने | कार्यक्रम का शुभारम्भ नीता अनामिका द्वारा स्वागत भाषण, आलोक चौधरी द्वारा गणेश वन्दना एवं डॉ० सोनरूपा विशाल द्वारा सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति के साथ हुआ | उसके बाद वाराही द्वारा उपस्थित सभी मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया गया और फिर युवा कवि अक्षत डिमरी ने अपनी रचना ‘मिले माँ बाप से जो, पयम्बर से नहीं मिलता’ सुनाते हुए एक ऐसे अभूतपूर्व कार्यक्रम का आग़ाज़ किया, जिसमें देश भर के गणमान्य रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से सभी का मन मोह लिया | इन रचनाओं में नंदलाल रौशन की ‘तुम्ही बताओ किसको हंसकर रोना अच्छा लगता है’, जय कुमार रुसवा की ‘एक पुतला दूसरे पुतले को जला रहा है’, नीता अनामिका की ‘सुख जब ऊंचाई से नीचे गिरता है’, अर्जुन सिसौदिया की ‘धन्य चंद्रशेखर आज़ाद जैसी जिंदगानी’, सोनरूपा विशाल की ‘प्यार वफ़ा से अपनेपन से रिश्तेदारी ख़त्म न हो’, सर्वेश अस्थाना की ‘माना ये फैमिली प्लानिंग का ज़माना है’, विष्णु सक्सेना की ‘हम बदले तो कहा बेवफा, वो बदले तो मजबूरी है’ एवं अरुण जैमिनी की ‘भारत ने बहुत सारे सांप संभाल रखे हैं’ बेहद सराही गयी | इस अवसर पर संस्था के संरक्षक प्रशांत अरोड़ा, सचिव अरुण कुमार, सलाहकार समिति के सदस्य प्रताप जायसवाल, रावेल पुष्प एवं डॉ० केयूर मजमुदार भी उपस्थित थें |
कार्यक्रम के संयोजन का भार सम्भाला स्वागता बसु, रामाकांत सिन्हा, ऊषा जैन, आलोक चौधरी, वन्दना पाठक एवं विकास ठाकुर ने | इस कार्यक्रम में कोलकाता के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को, हिंदी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में प्रसिद्ध साहित्यकारों की पुस्तकें प्रदान की गयी। अंत में, संस्था की अध्यक्ष नीता अनामिका के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही यह अभूतपूर्व कार्यक्रम सुसंपन्न हुआ |
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