* घर के पास ही बकरियों के लिए घास काट रही थी जानकी।
* ग्रामीणों द्वारा जानकारी दिए जाने के करीब दो घंटे बाद नायब तहसीलदार और वनकर्मी मौके पर पहुंचे
धर्मवीर गुप्ता, बांकेगंज। गोला पश्चिमी बीट के बलारपुर गांव में घर के नजदीक घास काट रही 12 वर्षीय जानकी पर बाघ ने हमला कर दिया। पास खड़ी दादी रामरती हँसिया जमीन पर पटकती रहीं परंतु बाघ बालिका को गन्ने में खींच ले गया। शोर मचाने पर अन्य ग्रामीणों के साथ पहुंचे पिता ने बाघ के जबड़े से मृत बेटी को छुड़ाया।
बलारपुर गांव के राकेश कुमार की पुत्री जानकी अपनी दादी के साथ घर के पास ही गन्ने के खेत के किनारे घास काट रही थी। गन्ने से निकलकर बाघ ने दादी रामरती के सामने ही बेटी को दबोच लिया। दादी शोर मचाते हुए हँसिया को जमीन पर पटकने लगी परंतु बाघ पर इसका कोई असर नहीं हुआ और वह जानकी को गन्ने के खेत में खींच ले गया। अपनी माता के चिल्लाने की आवाज सुनकर घर पर मौजूद लड़की के पिता राकेश गांव के अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुँचे। पिता राकेश ने बताया कि जब वह मौके पर गए तो बाघ जानकी को गन्ने में खींच ले जा चुका था परंतु उसके पगचीन्हों का पीछा करते हुए जब वह अन्य लोगों के साथ गन्ने में घुसे तो लड़की को बाघ के जबड़े में पाया। हिम्मत करके वह आगे बढ़े और बाघ के दहाड़ने के बावजूद किसी तरह बेटी के शव को बाघ के जबड़े से छुड़ाया और उसे घर ले आए। इसके बाद आसपास के अन्य सिख और अन्य किसान मौके पर पहुंचने लगे। लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना मिलने पर चौकी इंचार्ज कृष्ण कुमार यादव मौके पर पहुंचे तथा पीड़ित परिवार से घटना के संबंध में जानकारी ली। करीब दो घंटे बाद नायब तहसीलदार सर्वेश यादव के साथ गोला पश्चिमी बीट के फॉरेस्टर अजीत श्रीवास्तव अपने अन्य सहकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। गुस्साए ग्रामीणों ने देर रात तक बाघ के पकड़े जाने तक शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने नहीं दिया।
पास ही रह रही प्रेमचंद की पत्नी लक्ष्मी ने बताया कि दो दिन पहले ही बाघ रात करीब 2:00 बजे घर की टटिया को फाड़ कर घर के अंदर देख रहा था। उस समय घर के लोगों के जागे होने के कारण हल्ला मच गया और बाघ चला गया। इससे पहले बाघ एक भैंस, दो बकरी और एक कुत्ते को निवाला बन चुका है। हर बार वनकर्मी आकर सांत्वना देकर चले जाते हैं। न ही पशुओं के मारे जाने का कोई मुआवजा मिला और न ही हमें सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोई कार्यवाही की गई।
गांव के खिलान निषाद ने बताया कि 10 दिन पूर्व उनके घर के पास ही मूली के खेत में बाघ आ गया था। जब वननकर्मियों को इसकी जानकारी दी गई तो वे आये और उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए घर के चारों ओर लकड़ी गड़ाकर तार इत्यादि लगाओ। जरूरत पड़े तो लकड़ी जंगल से दिलवा देंगे।
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