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शनिवार, 12 जुलाई 2025

सावन का पवित्र महीना शुरू, इस अबूझ मुहूर्त में करें भगवान शिव की पूजा...

 हर वर्ष भोलेनाथ या कहें महादेव के भक्तों को श्रावण मास यानी सावन का बेसब्री से इंतजार रहता है। शास्त्रों के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय है। सावन के महीने का हर दिन, विशेष रूप से सावन के सभी सोमवार और 16 सोमवार के खास दिन भगवान शिव की पूजा-उपासना करने से जीवन की हर समस्या का निवारण मिलता है। साथ ही, सावन में महादेव के नाम का जप करने से भी जीवन में शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव अपने हर भक्त की सभी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।उत्तर भारत में सावन के महीने की शुरुआत 11 जुलाई 2025 दिन शुक्रवार यानी आज से होने जा रही है और भोलेनाथ के इन शुभ दिनों का समापन 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन होगा. वहीं, दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत में सावन के शुभ दिनों की शुरुआत 25 जुलाई 2025 से होगी और समापन 23 अगस्त 2025 को होगा।

सावन के पहले दिन का पूजन मुहूर्त 

आज सावन का पहला दिन है और भगवान शिव के पूजन के लिए ये 4 मुहूर्त हैं.

पहला पूजन मुहूर्त सुबह 4 बजकर 16 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 04 मिनट तक है.

दूसरा पूजन का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 06 मिनट तक रहेगा.

तीसरा पूजन मुहूर्त आज दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा.

चौथा मुहूर्त आज शाम 7 बजकर 22 मिनट से लेकर 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।

सावन के सभी सोमवारों की तिथि

इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं-

1. सावन का पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025
2. सावन का दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
3. सावन का तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
4. सावन का चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025

सावन की पूजन विधि 

सावन के पहले दिन से लेकर हर सोमवार पर उपवास जरूर रखें. फिर, शिवलिंग पर रोज सुबह जल और बेलपत्र अर्पित करें और दूध कम से कम अर्पित करें. पूरे सावन में हर रोज सुबह शिव पंचाक्षर स्तोत्र या शिव मंत्र जाप करें. इसके बाद ही जलपान या फलाहार करें. साथ ही, सावन के महीने में रुद्राक्ष पहनना सबसे उपयुक्त माना जाता है।

सावन के महीने की सावधानियां 

1. सावन के महीने में जल की बचत करें और जल बर्बाद न करें.
2. इसके अलावा, इस महीने में पत्तेदार चीजों का सेवन न करें.
3. इस महीने में बासी और भारी खाना या मांस-मदिरा ना खाएं.
4. इस महीने में तेज धूप में घूमने से बचें.

सावन महीने का महत्व 

सावन का महीना चातुर्मास में एक माना जाता है और यह महीना भगवान शिव का माना जाता है. पौराणिक मान्यतानुसार कहते हैं कि इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र मंथन से जो विष निकला, उसका भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था. तब से ये परंपरा चली आ रही है कि सावन में भगवान शिव को जल चढ़ाया जाता है. सारे साल का फल भक्त सावन में पूजा करके पा सकते हैं. तपस्या, साधना और वरदान प्राप्ति के लिए ये महीना विशेष शुभ है।

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