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शनिवार, 18 मई 2024

स्वाति मालीवाल कांड के चलते चुंनावी माहौल गरमाया

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी जेल से कुछ समय की छुट्टी मिले हुए ज्यादा दिन नही हुए कि उनके CM आवास पर आप की राज्य सभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ केजरीवाल के पीए द्वारा मार पीट की खबर ने चुनावी सरगर्मी बढ़ा दी।प्राप्त खबरों के अनुसार केजरीवाल  के सहयोगी विभव कुमार ने कथित तौर पर राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल को कई बार लात मारने के साथ ही थप्पड़ भी मारे थे और मालीवाल के मदद के लिए चिल्लाने पर भी वह नहीं रुका। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी में यह जानकारी दी गई है। उन पर कथित हमले के संबंध में प्राथमिकी में मालीवाल ने यह भी दावा किया कि कुमार ने उन्हें पूरी ताकत से बार-बार मारा लेकिन कोई भी उनके बचाव में नहीं आया। मालीवाल ने आरोप लगाया कि उन्होंने कुमार को यह तक बोला कि उन्हें माहवारी हो रही है जिसकी वजह से बहुत दर्द है लेकिन इसके बावजूद वह नहीं रुका। प्राथमिकी में मालीवाल के हवाले से कहा गया है कि यह मेरे जीवन का सबसे कठिन समय है और दर्द, आघात और उत्पीड़न ने दिमाग सुन्न कर दिया है। उन्होंने प्राथमिकी में कहा, मुझे चलने में भी दिक्कत हो रही है।
स्वाति मालीवाल द्वारा लगाए गए आरोप में ख़हा गया हस की मुझे लात मारा, थप्पड़ भी मारे, मदद के लिए चिल्लाने पर भी वह नहीं रुका : मालीवाल
-मुझे चलने में भी दिक्कत हो रही है ऐसे व्यक्ति द्वारा मुझे बेरहमी से पीटा गया जिसे मैं लंबे समय से जानती हूं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकीं मालीवाल ने कहा कि उनकी स्थिति इस तथ्य से और भी बदतर हो गई है कि उन्होंने जीवन भर महिलाओं के मुद्दों के लिए काम किया और लाखों महिलाओं को न्याय दिलाने में मदद की, उन्हें एक ऐसे व्यक्ति द्वारा बेरहमी से पीटा गया जिसे मैं लंबे समय से जानती हूं। प्राथमिकी में कहा गया, मैं इस घटना से बहुत परेशान हूं और व्यथित हूं कि कोई इस तरह का ‘गुंडागर्दी का व्यवहार दिखा सकता है।उन्होंने इस मामले में कठोरतम कार्रवाई की मांग की है। केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर सोमवार को मालीवाल पर कथित हमले की विस्तृत जानकारी शुक्रवार को तब सामने आई जब राज्यसभा सदस्य मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए तीस हजारी अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुईं। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की और कुमार को मामले में आरोपी बनाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास का एक कथित वीडियो जिसमें कथित हमले के समय मालीवाल सुरक्षा कर्मचारियों के साथ बहस कर रही हैं। यह वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ। प्राथमिकी के मुताबिक, वह सोमवार सुबह नौ बजे केजरीवाल से उनके सरकारी आवास पर मिलने गई थीं।
घटनाक्रम को याद करते हुए, उसने पुलिस को बताया कि वह कैंप कार्यालय के अंदर गई और कुमार को फोन किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। वह आवासीय क्षेत्र की ओर गईं और कर्मचारियों से केजरीवाल को उनके आगमन के बारे में सूचित करने को कहा। उन्होंने कहा, मुझे बताया गया कि वह घर में मौजूद है और मुझे ड्राइंग रूम में प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि जब वह केजरीवाल का प्रतीक्षा कर रही थीं, तभी कुमार कमरे में घुस आए और बिना किसी उकसावे के मुझ पर चिल्लाने लगे और यहां तक कि मुझे गालियां भी देने लगे। प्राथमिकी में कहा गया, तू कैसी हमारी बात नहीं मानेगी? कैसे नहीं मानेगी? तेरी औकात क्या है कि हमको ना कर दे। समझती क्या है खुद को  औरत? तुझे तो हम सबक सिखाएंगे।
प्राथमिकी में, उन्होंने कहा कि उसकी ओर से बिना किसी उकसावे के कुमार ने अपनी पूरी ताकत से उन्हें थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, उसने मुझे कम से कम सात-आठ थप्पड़ मारे जबकि मैं लगातार चिल्ला रही थी। मैं बिल्कुल सदमे में थी और बार-बार मदद के लिए चिल्ला रही थी। (खुद को) बचाने के लिए, उसे अपने पैरों से दूर धकेल दिया। उन्होंने आगे कहा, तभी वह मुझ पर झपटा, बेरहमी से मुझे घसीटा और जानबूझ कर मेरी शर्ट ऊपर खींच दी। मेरी शर्ट के बटन खुल गये और शर्ट ऊपर आ गयी। मैं फर्श पर गिर पड़ी और मेरा सिर सेंटर टेबल से टकरा गया। मैं मदद के लिए लगातार चिल्ला रही थी लेकिन कोई नहीं आया। उसने आरोप लगाया कि कुमार रुका नहीं और मेरे सीने, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर लात मारकर मुझ पर हमला किया। उन्होंने प्राथमिकी में कहा, मुझे अत्यधिक दर्द हो रहा था और मैं उसे रुकने के लिए कहती रही। मेरी शर्ट ऊपर हो रही थी लेकिन फिर भी उसने मुझ पर हमला करना जारी रखा। मैंने उससे बार-बार कहा कि मुझे माहवारी हो रही है जिसकी वजह से बहुत दर्द है लेकिन इसके बावजूद वह नहीं रुका। घटना के बाद, उन्होंने कहा कि वह इस अकारण हमले से भयानक सदमे की स्थिति में थी। उस समय को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि वह गहरे सदमे में थी और उन्होंने घटना की जानकारी देने के लिए आपातकालीन नंबर 112 पर फोन किया।बिभव ने मुझे धमकाते हुए कहा, कर ले जो तुझे करना है,बिभव ने मुझे धमकाते हुए कहा, कर ले जो तुझे करना है, तू हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती, तेरी हड्डी पसली तुड़वा देंगे और ऐसी जगह गाड़ेंगे किसी को पता भी नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि कुमार यह जानने के बाद कमरे से चला गया कि उन्होंने पुलिस हेल्पलाइन को फोन किया था, लेकिन मुख्यमंत्री के शिविर कार्यालय के मुख्य द्वार पर काम करने वाले सुरक्षा कर्मियों के साथ लौट आया। प्राथमिकी में, उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने कुमार के कहने पर उन्हें जाने के लिए कहा।राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह उन्हें बताती रही कि उन्हें बेरहमी से पीटा गया और उनसे पीसीआर वैन आने तक प्रतीक्षा करने को कहा। उसने कहा कि वह पीसीआर कर्मियों की मदद से एक ऑटो रिक्शा में बैठीं। उन्होंने कहा, मैं वहां (सिविल लाइंस पुलिस थाना) पहुंची और थाना प्रभारी के कमरे में बैठ गई, जहां मैं रो रही थी और थाना प्रभारी को घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, मैं भयानक दर्द में थी और गंभीर ऐंठन हो रही थी। मेरे मोबाइल पर मीडिया से भी बहुत सारे कॉल आने लगे। आघात, दर्द और घटना का राजनीतिकरण नहीं करने के कारण, मैं लिखित शिकायत दर्ज कराए बिना पुलिस थाने से चली गयी। मालीवाल ने कहा कि उनका सिर दर्द से फट रहा था और उनके हाथ और पैर हमले के कारण बहुत दर्द कर रहे थे। मालीवाल ने कहा कि घटना के बाद से पिछले दिन उनके लिए बेहद दर्दनाक रहे हैं।अब गौरतलब बात यह है कि इस कांड पर महिलाओं में जबरजस्त गुस्से का उबाल है।केजरीवाल का इस विषय पर कुछ न बोलना  भी एक मुद्दा बन चुका है। अखिलेस यादव के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों द्वारा इस विषय पर प्रश्न करने पर जवाब न देकर माइक को धीरे से अखिलेश की तरफ खिसका देना भी लोगो की निगाह से छुप नही पाया।ऐसी स्थिति में "आप" के ऊपर इस कांड और केजरीवाल के व्यवहार का वोट बैंक पर कितना असर पड़ सकता है यह तो 4 जून को मालूम हो जायेगा फ़िलहाल इसपर राजनीति तो गर्मा ही गयी है

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