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बुधवार, 15 अक्टूबर 2025

पीआईबी ने किन्नौर के रिकांग पिओ में आपदा प्रबंधन पर वार्ता आयोजित की

किन्नौर/शिमला/चंडीगढ़, 15 अक्टूबर: पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) शिमला एवं चंडीगढ़ द्वारा किन्नौर जिले के रिकांग पिओ में “सूचना, संचार एवं मीडिया समन्वय” विषय पर एक वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन, नशा मुक्त भारत अभियान, स्वच्छता, वन प्रबंधन और जनजातीय विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा कि देश में विश्वसनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान और प्रशासन तथा मीडिया के बीच सहज संवाद स्थापित करने के लिए जिला स्तर पर आयोजित वार्ता जैसे आउटरीच कार्यक्रमों का अत्यधिक महत्व है। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यक्रम न केवल सही सूचनाओं के मार्ग को प्रशस्त करते हैं, बल्कि प्रशासन और मीडिया के बीच मजबूत संवाद का सेतु भी बनाते हैं। डॉ. शर्मा ने इस वार्ता कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए पीआईबी शिमला के कार्यालय प्रमुख संजीव शर्मा ने वार्ता कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यशाला मीडिया और सरकार के बीच सेतु का काम करती है। इस अवसर पर पीआईबी, चंडीगढ़ के मीडिया एवं संचार अधिकारी श्री अहमद खान ने सूचना प्रसारण मंत्रालय की विभिन्न इकाइयों की कार्यप्रणाली और पीआईबी की अनुसंधान इकाई द्वारा किए जा रहे विश्लेषण एवं तथ्यपरक सूचनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारों को इन विश्वसनीय आंकड़ों और जानकारियों का अपने लेख और समाचार लेखन में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।

उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने पीआईबी की विश्वसनीयता का उल्लेख करते हुए कहा कि पीआईबी न केवल उनके करियर में मददगार रही है, बल्कि विश्वसनीय सूचनाओं की आवश्यकता पड़ने पर इसकी भूमिका अहम रहती है।

कार्यक्रम के विशेष अतिथि पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर ने आपदा प्रबंधन पर अपने संबोधन में मीडिया कर्मियों से अनुरोध किया कि वे रिस्पॉन्सिबल जर्नलिज्म अपनाएं और खबरों को सनसनीखेज बनाने के बजाय विश्वसनीय जानकारी प्रसारित करें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में मीडिया एवं जनभागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

किन्नौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश कुमार नेगी ने तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 एवं नशा मुक्त भारत अभियान पर कहा कि कैंसर और टीबी का सबसे बड़ा कारण तंबाकू या इससे जुड़े उत्पाद हैं। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 50% असामयिक मौतें तंबाकू के कारण हो रही हैं। उन्होंने COTPA अधिनियम की जानकारी दी और कहा कि युवाओं को हर स्तर पर जागरूक किया जाना चाहिए।

स्वच्छता अभियान पर अपने संबोधन में कल्पा के एसडीएम अमित कलथाईक ने जिले में बायोमेडिकल और ई-वेस्ट प्रबंधन के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में गीला कचरा लगभग 700–800 किलो और सूखा कचरा 1000–1200 किलो तक पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान में समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण है और इससे लाखों रुपए की कमाई भी हुई है।

आदिवासी विकास कार्यक्रम पर परियोजना अधिकारी घनश्याम दास शर्मा ने आदिवासियों के कल्याण हेतु सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के बजट का 9% हिस्सा आदिवासी विकास योजनाओं में दिया जाता है और किन्नौर जिले में इसका 30% उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने आदि कर्मयोगी अभियान का उल्लेख करते हुए बताया कि यह अभियान जनजाति नागरिकों को भारत की विकास यात्रा का सह-निर्माता बनाता है।

भावानगर के एसडीएम श्री नारायण चौहान ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को घास काटने, लकड़ी एकत्रित करने, पानी एवं वन संसाधनों की सुरक्षा जैसे अधिकार मिलते हैं। किन्नौर जिले में अब तक 508 वन अधिकार पत्र जारी किए जा चुके हैं।

कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। केंद्र सरकार के नशा मुक्ति अभियान के तहत कार्यशाला में उपस्थित युवाओं और मीडिया कर्मियों को शपथ भी दिलाई गई।

कार्यक्रम में ठाकुर सेन नेगी महाविद्यालय के प्राध्यापक और विद्यार्थी भी मौजूद थे। संचालन सहायक निदेशक संजीव शर्मा ने किया और आभार प्रदर्शन मीडिया एवं संचार अधिकारी अहमद खान ने किया।

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