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मंगलवार, 5 अगस्त 2025

भागलपुर में लाल निशान पार कर चुकी गंगा अभी और उफनाएगी, बिहार में भीषण बाढ़ की आशंका से खौफ धान-सब्जी सब बर्बाद

भागलपुर में लाल निशान पार कर चुकी गंगा अभी और उफनाएगी, बिहार में भीषण बाढ़ की आशंका से खौफ धान-सब्जी सब बर्बाद
 
बिहार के बक्सर जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के लाल निशान को पार कर चुकी है। जिससे शहर के सभी 32 घाट जलमग्न हो गए हैं। रामरेखाघाट सहित हर घाट के किनारे गंगा का पानी अब तटवर्ती घरों के करीब पहुंच गया है। जिससे तटवर्ती इलाके में संकट गहराने लगा है। शिवपुरी मठिया मोड़ के समीप मृत नहर व आसपास तक पानी का दबाव बढ़ गया है। वहीं, सहायक नदियों के साथ नहरों का रूप विकराल हो गया है। बक्सर-कोईलवर तटबंध के कई जगहों पर पानी का दबाव बढ़ने लगा है। जिससे प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जानमाल की चिंता सताने लगी है।केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, जिले में झमाझम हो रही बारिश और गंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में जलस्तर में बढ़ोत्तरी जारी है। सुबह 11 बजे गंगा का जलस्तर 60.32 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई। सुबह 01 सेमी प्रतिघंटे की दर से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। महज सात घंटे में ही गंगा का पानी खतरे के निशान से 17 सेमी उपर पहुंच गई है। इधर, जिला प्रशासन द्वारा जारी सूचना के अनुसार, आगामी 05 अगस्त की दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 60.85 मीटर तक पहुंचने का अनुमान है। प्रशासन के स्तर से किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए 06183-223333 दूरभाष संख्या जारी किया गया है।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से जवहीं दियर पंचायत के लोग खौफजदा हैं। बक्सर-कोइलवर तटबंध के किनारे बसे गांव बाढ़ की चपेट में हैं। खासकर, जवहीं दियर पंचायत का महाजी डेरा पानी से घिर चुका है। खेतों में पानी भरने से धान और सब्जी की फसल बर्बाद होने लगी हैं। पंचायत के बीडीसी मुन्ना यादव ने बताया कि जवहीं दियर का महाजी डेरा हर साल बाढ़ की मार झेलता है। बाढ़ से प्रभावित लोग प्रशासन से राहत शिविर चलाने, नाव की पर्याप्त व्यवस्था कराने और बर्बाद फसलों का मुआवजे देने की मांग की है। बाढ़ का पानी बढ़ने से ग्रामीणों में भय एवं दहशत का माहौल कायम है।गंगा नदी के जलस्तर में हो रही लगातार बढ़ोतरी के बाद दियारावासी एक बार फिर बाढ़ को लेकर सशंकित हैं। 08 साल पहले आई प्रलयकारी बाढ़ ने तटीय इलाके के लोगों को बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति पहुंचाई थी। बाढ़ का वो लम्हा उनके लिए किसी काल से कम नहीं था। प्राकृतिक आपदा के खौफनाक मंजर को याद कर लोगों की रूह आज भी कांप जाती है। इधर, एक बार फिर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर ग्रामीणों में भय एवं दहशत का माहौल कायम है। बाढ़ की आशंका को भांप लोग अभी से ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, ताकि कुदरत के कहर से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। जिस रफ्तार से गंगा का पानी बढ़ रहा है, उससे बाढ़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाढ़ के दौरान प्रखंड क्षेत्र के श्रीकांत के डेरा, लाल सिंह के डेरा, बेनीलाल के डेरा, गर्जन पाठक के डेरा, रामदास के डेरा, अभिलाख डेरा, दली डेरा, तिलक राय के हाता, भिक्षुक के डेरा व गुरूदेव नगर सहित चक्की एवं ब्रह्मपुर प्रखंड के दर्जनों गांव पानी में विलीन हो जाते हैं। चूंकि, वो सभी गांव गंगा नदी के गर्भ में बसे हुए हैं। ऐसे में बाढ़ आने के बाद गंगा की उफनती धाराएं वहां तेजी से अपना पांव पसारने लगती है। बाढ़ के दौरान सबसे भयावह स्थिति रामदास के डेरा एवं श्रीकांत के डेरा गांव की होती है। बाढ़ के खतरे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गंगा नदी का पानी तिलक राय के हाता गांव के उत्तर नाले में पहुंच चुका है। सनद रहे कि, अगस्त 2016 में आई प्रलयकारी बाढ़ ने गंगा के तटीय गांवों में जमकर तांडव मचाया था। जान-माल की बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची थी।
गंगा और कर्मनाशा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने से गंगा नदी का पानी अपने तटीय इलाके से आगे बढ़ते हुए दूर तक खेतों में फैल गया है। जिससे फसलें डूब गई हैं। कर्मनाशा का पानी भी बनारपुर और सिकरौल गांव के निचले हिस्से और रास्ते में पसरने के बाद अब चौसा-मोहनिया मार्ग पर चढ़ गया है। रविवार को बाढ़ का पानी चौसा गोला और बनारपुर गांव के बीच स्थित एक पुलिया पर लगभग दो सौ मीटर की दूरी तक एक-डेढ़ फ़ीट की ऊंचाई तक फैल गया है। सीओ उद्धव मिश्रा ने बताया कि बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। यदि सड़क पर पानी का बढ़ना जारी रहा तो यहां बैरिकेटिंग लगाकर छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी। लोगों की आवाजाही के लिए नाव की व्यवस्था की जाएगी।गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के बाद रविवार को डुमरांव एसडीओ राकेश कुमार, बीडीओ लोकेन्द्र यादव व सीओ भागवती शंकर पांडेय अपने मातहतों के साथ बक्सर-कोइलवर तटबंध पर स्थित सूचित राय के डेरा, कोयलावीर घाट व गंगौली घाट का निरीक्षण। अधिकारियों ने नाविकों और राहगीरों को नाव पर सफर के दौरान सावधानी की सलाह दी। नाव पर बाइक नहीं ले जाने की सख्त नसीहत दी। एसडीएम ने तटबंध पर जगह-जगह रूक कर गंगा के गर्भ में बसे गांवों के हालातों का भी जायजा लिया और अधीनस्थ पदाधिकारियों को बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। जांच के बाद एसडीएम का कारवां चक्की प्रखंड के जवहीं दियर होते हुए ब्रह्मपुर प्रखंड के नैनीजोर की तरफ प्रस्थान कर गया।

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