लखनऊ, 17 जुलाई 2025। जब नेतृत्व संकल्प से जुड़ जाए और समाज सेवा भाव से, तब परिवर्तन केवल लक्ष्य नहीं, अभियान बन जाता है। प्रधानमंत्री क्षयमुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जिलाधिकारी विशाख जी. अय्यर (भारतीय प्रशासनिक सेवा) द्वारा प्रेरित एक महत्त्वपूर्ण पहल आज लखनऊ में साकार हुई, जब डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सभागार, कलेक्ट्रेट में जनपद की 23 प्रमुख शिक्षण संस्थाओं की संगोष्ठी आयोजित की गई।
इस बैठक का उद्देश्य क्षयरोग (टीबी) से पीड़ित रोगियों को उपचार अवधि में न्यूट्रीशनल सपोर्ट अर्थात पोषण पोटली प्रदान कर उन्हें शीघ्र स्वस्थ बनाने में सहयोग प्रदान करना रहा। जिलाधिकारी ने बताया कि मूंगफली, भुना चना, गुड़, सत्तू, तिल अथवा गजक, न्यूट्रीशनल पाउडर (हॉर्लिक्स, बॉर्नविटा, कॉम्प्लान आदि) से युक्त उच्च प्रोटीन खाद्य सामग्री किट प्रत्येक माह टीबी मरीजों को दी जाएगी। इस पुनीत अभियान में गोयल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, आर.आर. इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं टेक्नो इंस्टिट्यूट ऑफ हायर स्टडीज़ जैसे शिक्षण संस्थानों ने जुलाई माह में क्षयरोगियों को पोषण पोटली वितरित कर ‘निक्षय मित्र’ के रूप में सराहनीय भूमिका निभाई। जिलाधिकारी श्री विशाख ने सभी संस्थाओं से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रत्येक संस्था जनसहभागिता से जुड़े और नियमित पोषण सहायता प्रदान करे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इच्छुक संस्थान स्वयं पोषण पोटली तैयार कर सकते हैं अथवा लाइवलीहुड मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी यह कार्य कराया जा सकता है। इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, उद्योग उपनिदेशक मनोज कुमार चौरसिया, जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. अतुल कुमार सिंघल सहित समस्त शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। यह आयोजन न केवल एक बैठक था, बल्कि सेवा, समर्पण और स्वास्थ्य के संगम का संकल्प था, जिसमें लखनऊ ने एक बार फिर सिद्ध किया कि जब समाज संगठित होता है, तो कोई भी रोग स्थायी नहीं रह सकता।
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