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बुधवार, 18 जून 2025

यूपी पुलिस ने पाँच दिन पहले जिस डॉक्टर को किया गिरफ्तार, उसकी वाराणसी के जेल में हो गई मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी.

यूपी पुलिस ने पाँच दिन पहले जिस डॉक्टर को किया गिरफ्तार, उसकी वाराणसी के जेल में हो गई मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी.

 वाराणसी जेल में एक सरकारी डॉक्टर की मौत हो गई। मृतक डॉक्टर को कुछ दिन पहले ही भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बताया गया कि जेल में उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उनकी मौत हो गई. वहीं डॉक्टर के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें इलाज न देने, रिश्वत मांगने और हत्या की साजिश जैसे आरोप शामिल हैं।मृतक डॉक्टर वेंकटेश की उम्र 44 साल थी. वह बलिया जिले के बांसडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अधीक्षक के पद पर तैनात थे। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 जून को विजिलेंस टीम ने उन्हें 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें वाराणसी जिला जेल भेज दिया गया था. सोमवार 16 जून को जेल में उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें कबीर चौरा स्थित मंडलीय अस्पताल ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।रिपोर्ट के मुताबिक मृतक डॉक्टर बीपी और शुगर जैसी बीमारियों से पीड़ित थे। उन्होंने जेल में मिलने गए परिजनों से स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसके बाद परिवार ने जेल प्रशासन से उचित उपचार की गुहार लगाई थी। डॉ. वेंकटेश की पत्नी प्रियंका ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन ने इलाज की गुहार के बावजूद कोई चिकित्सा सुविधा नहीं दी।प्रियंका ने दावा किया कि जेल प्रशासन ने इलाज के बदले 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. पैसे न देने पर उन्हें इलाज नहीं मिला और उनकी मौत हो गई. प्रियंका ने यह भी दावा किया कि उनके पति को जानबूझकर बलिया में फंसाया गया. फिर वाराणसी में उनकी 'हत्या' कर दी गई. मृतक डॉक्टर की पत्नी का ये भी कहना है कि पति के मरने के बाद उन्हें सूचना दी गई। उन्होंने ये भी कहा कि अजय तिवारी नाम के व्यक्ति के कहने पर वेंकटेश को फंसाया गया।
वहीं मृतक डॉक्टर के एक अन्य परिजन अमरेंद्र बहादुर राय ने बताया कि डॉक्टर वेंकटेश ने उनके गांव में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी काम किया था. बाहरी दवा की बिक्री पर भी रोक लगा दी थी. इससे कई लोग उनसे नाराज हो गए थे. उन्होंने आगे कहा कि एक खराब सिस्टम की वजह से एक 'अच्छा डॉक्टर' मारा गया।मामले पर जेल अधीक्षक की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि डॉ. वेंकटेश भौआर को 13 जून को जिला जेल ले जाया गया था. वह हाई ब्लड प्रेशर और माइग्रेन जैसी समस्याओं से पहले से पीड़ित थे. 16 जून को परिजनों से मुलाकात के बाद उन्हें तेज बुखार और बेहोशी की शिकायत हुई. इसके बाद उन्हें कबीर चौरा अस्पताल भेजा गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें दोपहर 3:30 बजे मृत घोषित कर दिया।

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