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सोमवार, 19 मई 2025

योग की प्राची बेला में जागी आत्मचेतना, कानपुर में हुआ साधना और संवाद का संगम

● प्रभात की पहली किरण संग योग की अनुभूति बनी चेतना, संयम और साधना का उत्सव

कानपुर, 18 मई 2025, जनजागरण डेस्क। विलंबित भोर की चुप्पी को चीरती हुई जब सूर्य की पहली किरणें कानपुर के  रामलीला पार्क, इंदिरा नगर पश्चिम की धरती पर उतरीं, तब वहां एक दिव्य दृश्य ने आकार लिया, भारतीय योग संस्थान के नि:शुल्क योगाभ्यास केंद्र पर साधकों की श्वासों में समाहित हो रही थी साधना की शक्ति, और चेतना की उषा।

इस पुण्य अवसर पर लखीमपुर खीरी से पधारे रमेश कुमार वर्मा (जिला प्रधान), शशिकांत श्रीवास्तव (क्षेत्रीय प्रधान व सह मीडिया प्रभारी), लखनऊ से सच्चिदानंद श्रीवास्तव तथा प्रांतीय प्रधान (पूर्वी उत्तर प्रदेश) नरेश चंद्र वर्मा की गरिमामयी उपस्थिति ने वातावरण को ऊर्जा से परिपूर्ण कर दिया। संपूर्ण कार्यक्रम कानपुर जनपद के जिला प्रधान अशोक कुमार सिंह के स्नेहिल मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। योग केंद्र पर उपस्थित साधक एवं साधिकाओं से संवाद करते हुए श्री नरेश वर्मा ने कहा योग केवल व्यायाम नहीं, यह जीवन के साथ संवाद का माध्यम है, रोगों से मुक्ति का पथ है, और आत्मा की पुकार को सुनने की साधना है। उन्होंने योगाभ्यास के अनुशासन, निर्धारित वेशभूषा तथा आसनों की मर्यादा पर विशेष बल देते हुए कहा कि साधना का सच्चा प्रभाव तभी प्रकट होता है, जब उसमें समर्पण और सजगता दोनों हो। विगत रोगों जैसे रीढ़ की पीड़ा, घुटनों के दर्द और मधुमेह से पीड़ित साधिकाओं को योग की सरल, किंतु प्रभावशाली विधियाँ बताई गईं। इसके पश्चात टीम श्रीराम पार्क, रतनलाल नगर स्थित केंद्र पहुँची, जहां नवगठित जनपद कानपुर दक्षिण के जिला प्रधान आर.सी. वर्मा के नेतृत्व में प्राणवायु की लहरों में डूबे साधकों का उत्साही समूह योगाभ्यास में संलग्न मिला।

 यहां जिला मंत्री लल्लन तिवारी, संगठन मंत्री डॉ. जी.पी. सिंह, महिला संगठन मंत्री आनंदेश्वरी गुप्ता, केंद्र प्रमुख आशा कटियार तथा साहित्य साधिका शीला रानी की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की। प्रांतीय प्रधान श्री नरेश वर्मा ने शून्य मुद्रा के माध्यम से श्रवण समस्याओं में लाभ की विधियाँ बताईं, जबकि श्री रमेश वर्मा ने हड्डी रोग निवारण शिविर पर प्रकाश डाला। श्री शशिकांत श्रीवास्तव ने तड़ागी मुद्रा का अभ्यास कराते हुए उसके वैज्ञानिक और आध्यात्मिक पक्ष को गहराई से समझाया। कार्यक्रम के अंत में नवगठित जनपद की पूरी कार्यकारिणी को प्रांतीय प्रधान द्वारा शुभकामनाएं दी गईं, यह क्षण जैसे मानो साधना से संगठन और संगठन से समाज निर्माण की यात्रा का उत्सव बन गया हो।

 शांतिपाठ के साथ जब प्रसाद का वितरण हुआ, तब वातावरण में एक गूंज रह गई यह मात्र योगाभ्यास नहीं था, यह आत्मा की पुकार का उत्तर था। कुलमिलाकर यह आयोजन सिद्ध हुआ एक सशक्त संदेश के रूप में जब संकल्प साधना से जुड़ता है, तब समाज में नई चेतना का संचार होता है।

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