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गुरुवार, 17 अप्रैल 2025

छाया ने रचा कमाल, तैयार किया टच से चलने वाला बिजली उपकरण

दैनिक जन जागरण,दिनांक : 17 अप्रैल 2025 

आईटीआई छात्रा का नवाचार बना चर्चा का विषय, छूते ही ऑन-ऑफ होती है बिजली की सप्लाई

बहराइच के बक्शीपुरा मोहल्ले की रहने वाली और आईटीआई में अध्ययनरत छात्रा छाया श्रीवास्तव ने तकनीक की दुनिया में एक नया कदम रखा है। छाया ने हैंड टच ऑन-ऑफ सर्किट नामक एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है जो केवल हाथ के स्पर्श से बिजली की आपूर्ति को नियंत्रित करता है। यानी बटन या स्विच की आवश्यकता नहीं — एक बार स्पर्श करने पर बिजली चालू और दोबारा छूने पर बंद हो जाती है।

*छात्रा छाया ने बताया कि—*
“इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के स्विच अक्सर जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे आमजन को परेशानी होती है। मैंने सोचा क्यों न ऐसा सिस्टम बनाया जाए जो बिना किसी यांत्रिक स्विच के काम करे। इसी सोच से इस डिवाइस की शुरुआत हुई।”

उनकी यह पहल न केवल सरल और किफायती है, बल्कि बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों के लिए भी विशेष रूप से उपयोगी हो सकती है। उनके इस नवाचार की सराहना उनके शिक्षकों, सहपाठियों और स्थानीय तकनीकी समुदाय द्वारा की जा रही है।

*तकनीकी शिक्षा का नया आयाम*

छाया जैसे युवाओं की उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि भारत के आईटीआई, पॉलिटेक्निक और तकनीकी संस्थान अब सिर्फ डिग्रियां नहीं, बल्कि हुनर, आत्मनिर्भरता और नवाचार की संस्कृति को जन्म दे रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे इनोवेशन से छात्रों में प्रैक्टिकल सोच और सामाजिक जिम्मेदारी विकसित होती है।

*बेटियाँ अब तकनीकी बदलाव की अगुआ हैं*

छाया का सपना है कि वह एक सफल इंजीनियर बने और समाज की समस्याओं को अपने प्रोजेक्ट्स के माध्यम से हल करे।
वह कहती हैं—
“तकनीक सिर्फ मशीनों की भाषा नहीं, यह जरूरतमंदों के जीवन में बदलाव लाने की शक्ति है।”

छाया श्रीवास्तव जैसी छात्राएँ आज के भारत की असली ताक़त हैं – जो जमीनी जरूरतों को समझकर ‘लोक-हितकारी तकनीक’ का निर्माण कर रही हैं। ऐसे युवा ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की नींव रख रहे हैं।

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