प्रयागराज विश्व महिला दिवस के अवसर पर, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित स्तन कैंसर के निदान, उपचार और प्रबंधन में नवीनतम तकनीक पर केंद्रित ब्रैस्टकॉन 2025 सम्पन्न हुआ। इसमें देशभर के प्रख्यात ऑन्कोलॉजिस्ट, सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट और चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक श्री हर्षवर्धन बाजपेई, प्रो डॉ एम एल बी भट्ट, प्रो डॉ एस पी सिंह , प्रो डॉ वत्सला मिश्रा, डॉ अजय सक्सेना,डॉ कविता चावला आयोजक अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र सिंह और आयोजक सचिव डॉ राधा केसरवानी की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर वक्ताओं ने स्तन कैंसर की डायग्नोसिस, आधुनिक उपचार पद्धतियों और पारस्परिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
इस सम्मेलन में स्तन कैंसर उपचार के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित सत्रों का अयोजन किया गया। पहले सत्र में स्तन कैंसर की डायग्नोसिस और अन्य पहलुओं पर चर्चा हुई, जिसमें डॉ निष्ठा सिंह, डॉ कचनार वर्मा और डॉ श्रेया शुक्ला ने महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। अगले सत्र में स्तन कैंसर सर्जरी में आधुनिकतम तकनीक पर व्याख्यान दिए गए, जहाँ डॉ. प्रोबल नियोगी और डॉ.मयंक त्रिपाठी ने स्तन संरक्षण सर्जरी (BCS) और स्तन निकालने के बीच तुलना पर चर्चा की गई।
कीमोथीरेपी, इम्यूनोथीरेपी और हार्मोनल थीरेपी पर आधारित सत्र में डॉ बी के मिश्रा, डॉ अनुज गुप्ता, और डॉ अखिल कपूर, डॉ लिंकन पुजारी ने स्तन कैंसर उपचार में हो रहे नवीनतम शोधों की जानकारी दी। रेडिएशन चिकित्सा पर आधारित सत्र में डॉ रेशम श्रीवास्तव, डॉ रोहिणी खुराना, और डॉ अशुतोष मुखर्जी ने रेडिएशन थेरेपी में हो रहे तकनीकी विकास पर चर्चा की।सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण वृद्ध महिलाओं में स्तन कैंसर के उपचार को लेकर हुआ विचार-विमर्श था। "क्या वृद्ध महिलाओं में स्तन कैंसर का आक्रामक इलाज किया जाना चाहिए?" इस विषय पर अच्छी चर्चा हुई, जिसमें वाराणसी की डॉ.अंकिता पटेल ने उपचार के पक्ष में तर्क रखे, जबकि डॉ. सुनील चौधरी ने इसके खिलाफ अपने विचार प्रस्तुत किए।डॉ लिंकॉन पुजारी ने भारतीय परिवेश मे स्तन कैंसर के उपचार के सार पर विचार रखे.इस सत्र को डॉ संतोष सिंह, डॉअभिनव अग्रवाल, डॉ मोहम्मद नावेद आलम, और डॉ प्रभात पंकज खत्री ने और अधिक प्रभावी बनाया।पैनल चर्चा में दुर्लभ स्तन कैंसर मामलों जैसे कि दोनों तरफ के स्तन में कैंसर, गर्भावस्था में स्तन कैंसर, और पुरुष स्तन कैंसर पर गहन चर्चा की गई। इस चर्चा का नेतृत्व डॉ सुरभि गुप्ता, डॉ राधारानी घोष, डॉ. सपन श्रीवास्तव, डॉ मनीषा टंडन, डॉ राजुल अभिषेक, डॉ पुषन शर्मा, और डॉ. मानस दुबे ने किया।
सम्मेलन के अंतिम सत्र में, आयोजक सचिव डॉ राधा केशरवानी ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, शोधकर्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। आयोजक अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र सिंह ने अपने समापन भाषण में स्तन कैंसर उपचार में निरंतर शोध, बहु-विषयक सहयोग, और रोगी-केंद्रित देखभाल की आवश्यकता पर जोर दिया। इस सम्मेलन में युवा शोधकर्ताओं के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें चिकित्सकों के द्वारा रिसर्च प्रस्तुत किए गए। इस सत्र का संचालन डॉ आर सी चौरसिया, डॉ अजीत के चौरसिया, डॉ. अंशुल सिंह, और डॉ सोनिया तिवारी ने किया।डॉ देव कुमार यादव और डॉ विवेक कुमार पांडेय ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और जागरूकता को बढ़ावा देना है। स्तन कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, और इस तरह के सम्मेलनों से न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार होता है, बल्कि समाज में स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता भी बढ़ती है।
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