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सोमवार, 23 दिसंबर 2024

श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भगवत महत्तम के साथ ब्यासजी ने सुनाई नंदोत्सव, पूतना वध कथा

लखीमपुर के मोहल्ला जोड़ी बंगला,नौरंगाबाद के चंदेल लाॅन  में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिवस कथा का वर्णन करते हुए भगवत व्यास  पंडित अमित कृष्ण जी महराज ने भगवान श्री कृष्ण के बचपन की कथाओं का वर्णन करते हुए नंदोत्सव, पूतना वध की कथा सुनाते हुए भगवान  के विभिन्न नामों का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान पृथ्वी, संतो ब्राह्मण, गौ धर्म के कल्याण के लिए विभिन्न रूपों में अवतार लेते है। 

भागवत व्यास अमित कृष्ण जी ने भागवत कथा सुनाते हुए भगवान के रंग का बड़े ही  विधि विधान से शास्त्रीय रूप से उनका महत्म समझाया। भगवान कृष्ण जी के हाथ से माखन मिश्री कौआ जब खाता है तब कहते हैं कि काग के भाग एवं गोवर्धन पूजा आदि की कथा सुनाते हुए  ब्रज की गोपियों के साथ गोपियों के प्रेम का वर्णन सरल शब्दों में सुनाते हुए भगवान कृष्ण के माखन चोरी का वर्णन बहुत ही मार्मिक सुनाते हुए  गौ माता के पालन का आग्रह किया। व्यास जी ने कहा जब घर घर गाय होती थी पहले गौ ही धन कहलाता था कहते थे आप के कितनी गौ है जितनी जिसके पास गाएं है वहीं सबसे बड़ा आदमी होता था । आज जिसके घर कुत्ते है लोग उसे ही बड़ा आदमी समझते है । व्यास जी ने कहा शास्त्र कहते है जो घरके अंदर कुत्ते पालता है उसके घर भगवान भोजन स्वीकार नहीं करते उनके पितर नाराज रहते हैं , इसलिए गौ का पालन अवश्य करे क्योंकि गौ माता में 24 कोटि देवता होते हैं। जो गाय को रोती देता और सेवा करता उस से भगवान प्रसन्न होते हैं। भगवान स्वयं गौ सेवा करते थे। यदि हमारे पास जगह नहीं है तो पास में जिसके गाय पली  हो उसका सहयोग करना चाहिए। निकट गौशाला जाकर सहयोग करना चाहिए। गौ सेवा करो घर के सारे पाप नष्ट हो जायेंगे । मकान बनाते हुए सब  से पहले गौ पालन के लिए जगह  जरूर रखनी चाहिए ।भगवान श्री कृष्ण जी की माता यशोदा जी का बहुत ही मार्मिक प्रसंग सुनाते हुए गोपियों के घर मटकी फोड़ने माखन चोरी का विस्तार से वर्णन  किया। श्रीमद भागवत कथा 19 दिसंबर से 25 दिसंबर तक चलेगी । कथा का समय 1 बजे से 5 बजे तक चलेगी  । 

कथा में मुख्य रूप से  सुधा जंगबहादुर सिंह , आचार्य संजय मिश्रा , भानुप्रताप सिंह,  आर्येन्द्र पाल सिंह , शैलेन्द्र मौर्या, सुनील सिंह, संदीप सिंह चौहान, कैलाश  तिवारी, बोध मणि, राज शेखर, डॉ०आर०पी० सिंह चौहान, शिव चन्द्र सिंह, राम चंद्र मौर्य , ईशान गुप्ता, वीरेन्द्र बहादुर सिंह, आचार्य कौशल किशोर , आचार्य सुमित जी, पियूष सिंह, वन्दना सिंह, रमा सिंह, रूबी गुप्ता , रजनी मिश्रा, अर्चना सिंह आदि सैकड़ों की तादाद में धर्मानुरागी उपस्थित रहे।

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