विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में श्रद्धालुओं को मिलेगा स्वच्छ पानी,1249 किलोमीटर की पाइप लाइन, 56 हजार कनेक्शन
प्रयागराज।संगम नगरी में जनवरी 2025 में गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी के संगम तट पर विश्व के सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ के रूप में होने जा रहा है।
इस बार महाकुंभ का नजारा बदला हुआ दिखेगा।बिजली,पानी से लेकर ट्रांसपोर्ट और अन्य सभी सेवाओं को बेहतर बनाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।संगम की रेती पर प्रवास करने वाले कल्पवासियों,साधु संतों और श्रध्दालुओं को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए बड़े प्रोजेक्ट की शुरूआत हुई है। इस प्रोजेक्ट के जरिए मेला क्षेत्र में 1249 किलोमीटर लंबी पानी की पाइप लाइन बिछाई गई है,जिससे 56000 कनेक्शनों के जरिए 24 घंटे जलापूर्ति की जाएगी।प्रोजेक्ट लगभग पूरा भी हो चुका है।अब सिर्फ फाइनल टच देना बाकी है,जो 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा।बता दें कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ के लिए संगम की रेती पर अस्थाई महाकुंभ नगरी बसने लगी है। साधु संतों,अखाड़ों और कल्पवासियों के लिए जमीन का आवंटन हो गया है।इस बार जमीनों का आवंटन भी इस तरह हुआ है,जैसे किसी आधुनिक शहर को बसाया जा रहा है। इसके लिए छोटी-छोटी कॉलोनियां और इन कॉलोनियों में पहुंचने के लिए रास्ता,पानी और बिजली की सुविधा दी गई है।पूर्व में माघ मेला या कुंभ मेले के लिए जितना एरिया कवर होता था, उससे कहीं डबल एरिया में इस बार कुंभ नगरी बस रही है।ऐसे में पूरे मेला क्षेत्र को कवर करने के लिए और सभी को स्वच्छ पानी की सुविधा देने के लिए 1249 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन का जाल बिछाया गया है।जल निगम के अधिशासी अभियंता अमित राज ने बताया कि यह पाइप लाइन 25 सेक्टर और 4000 हेक्टेयर में फैले पूरे मेला क्षेत्र को कवर करती है। इसमें परेड ग्राउंड से लेकर संगम क्षेत्र और फाफामऊ से लेकर अरैल और झूंसी तक का इलाका शामिल है।इस बार मेला क्षेत्र पहले की अपेक्षा काफी बड़ा है।
एक्सईएन अमित राज ने बताया कि करीब 40 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया गया है।बस फाइनल टच दिया जा रहा है और इसे भी हर हाल में 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। अमित राज ने बताया कि इस पाइप लाइन में जलापूर्ति के लिए 85 नलकूप और 30 जनरेटर भी लगाए जा रहे हैं।
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