लखनऊ। उत्तर प्रदेश को एक महान राज्य बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं, सीतापुर स्थित नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास और गोमती नदी के तट पर स्थित घाटों के सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। 88 हजार ऋषियों की तपोस्थली प्रसिद्ध नैमिष तीर्थ क्षेत्र वही पवित्र स्थल है, जहां महर्षि वेद व्यास ने 4 वेद, 6 शास्त्र, 18 पुराण, श्रीमद्भागवत गीता, महाभारत महाकाव्य और श्री सत्यनारायण व्रत कथा की रचना की थी।नैमिषारण्य का धार्मिक महत्व इस बात से पता चलता है कि नैमिषारण्य आए बिना बर्न धाम की यात्रा भी अधूरी मानी जाती है। यही वजह है कि काशी, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, ब्रज क्षेत्र और विंध्य तीर्थ क्षेत्र के विकास के साथ-साथ योगी सरकार अब नैमिषारण्य में भी कई काम पूरे करने पर ध्यान दे रही है। इसी कड़ी में नैमिषारण्य के विभिन्न घाटों के सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास के कामों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ गोमती नदी के किनारे एक और घाट भी बनाया जाएगा। यूपी वेंचर कंपनी लिमिटेड को इस काम का जिम्मा दिया गया है और माना जा रहा है कि बरसात को छोड़कर यह काम एक साल में पूरा कर लिया जाएगा।
मंगलवार, 3 सितंबर 2024
नैमिषारण्य में गोमती नदी के तट पर एक और घाट बनाएगी योगी सरकार
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