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मंगलवार, 13 अगस्त 2024

भवानी रूपी श्रद्धा व विश्वास रूपी शिव को जो प्राप्त कर लेगा, वो ईश्वर को प्राप्त कर लेगा - कौशिक महाराज

भांवरकोल। क्षेत्र के शेरपुर कलां स्थित महावीर मन्दिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन विजय कौशिक महाराज श्रीराम कथा के जन्म व कथा में गंगा के चार मनोहर घाटों का वर्णन किया। कहा कि श्रद्धा व विश्वास रूपी भाव को जो भी व्यक्ति जब भी पहचान जायेगा, वो उसी दिन भगवान को प्राप्त कर लेगा। कहा कि श्रद्धा भवानी हैं तो विश्वास शिव शंकर हैं। अपने हृदय में श्रद्धा को जन्म देकर प्रकट कीजिए, अगर श्रद्धा रूपी भाव प्रकट हो जाएगा तो विश्वास रूपी शिव अपने आप चले आयेंगे और जब श्रद्धा यानी मां भवानी व विश्वास यानी भगवान शिव साथ होंगे तो रामकथा का जन्म होगा। कहा कि भगवान श्रीराम शिव के आराध्य देव हैं और उनके नाम के उच्चारण से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उन्होंने त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम को आदर्श मानव का स्वरूप बताया और कहा कि श्रीराम ने मानव जीवन को ऊंचाई पर पहुंचाने में सक्षम प्रमाणिकताएं प्रस्तुत की है। कहा कि श्रीराम कथा सुनने से मन की सारी कुरीतियां, राग, द्वेष, ईर्ष्या, भेदभाव आदि की समाप्ति होती है। कथा के माध्यम से मन को शांति मिलती है और हिंसक भावनाओं पर नियंत्रण होता है। पापी भी राम का नाम लेकर सद्गति प्राप्त कर सकता है। कहा कि राम कथाओं में वही शामिल हो पाते हैं, जिन पर प्रभु की कृपा होती है। इस मौके पर चौधरी दिनेश राय, पूर्व प्रधान विद्यासागर गिरी, प्रकाश राय, आनंद राय पहलवान, राजकुमार ठाकुर, गायक कल्पनाथ यादव, मनोज सिंह, आशु राय, जितेश राय विक्की, विनय राय आदि रहे।

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