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मंगलवार, 25 जून 2024

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुम्भ-2025 की तैयारियों की समीक्षा की.

प्रयागराज : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के प्रबन्धन से जुड़े विभिन्न विभागों के साथ अब तक हुई तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने प्रयागराज महाकुम्भ को स्वच्छता, सुविधा और सुरक्षा का मानक आयोजन बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ-2025 पूरे विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि भारत की ग्लोबल ब्राण्डिंग का माध्यम बनेगा। हमें इसके सफल आयोजन के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा। 12 वर्षों के अन्तराल पर आगामी वर्ष 2025 में प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर महाकुम्भ का पावन अवसर आने वाला है। मानवता की इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने को पूरी दुनिया उत्सुक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हम सभी ने वर्ष 2019 में कुम्भ का सफल आयोजन कर एक मानक स्थापित किया है। इस बार लोगों की अपेक्षाएं हमसे और अधिक हैं। आमजन की आस्था, अपेक्षा और आकांक्षा का ध्यान रखते हुए महाकुम्भ की गरिमा और महत्ता के अनुरूप यह आयोजन होना चाहिए। एक बार पुनः हमें बेहतर टीमवर्क के साथ कार्य करके दिखाना होगा। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक महाकुम्भ मेला प्रस्तावित है। संतगणों, स्नानार्थियों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों आदि की सुविधा के दृष्टिगत वर्ष 2019 के सापेक्ष महाकुम्भ-2025 विशाल परिसर में आयोजित होगा। पिछली बार 3,200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मेला फैला था, इस बार 4,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में इसका विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में पार्किंग, पाण्टून पुलों की संख्या, घाटों की संख्या, स्ट्रीट लाइट, शौचालय आदि की संख्या को आवश्यकतानुसार और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक के 45 दिवसों में पौष पूर्णिमा, मकर संक्रान्ति, मौनी अमावस्या, बसन्त पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि प्रमुख स्नान तिथियां होंगी। महाकुम्भ में दैनिक श्रद्धालुओं/पर्यटकों के अतिरिक्त कल्पवासियों की उपस्थिति भी होगी। उनकी सुरक्षा, सुविधा और आवश्यकताओं के अनुरूप यथोचित व्यवस्था की जाए। कुशल प्रबन्धन में ट्रैफिक और पार्किंग महत्वपूर्ण विषय है। मेला क्षेत्र और प्रयागराज नगर में इन दोनों के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाएं। प्रयास हो कि मेला क्षेत्र में कोई भी पार्किंग संगम से 05 किमी से अधिक दूर न हो। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज में 07 रिवर फ्रण्ट रोड, 14 आरओबी और 07 पुराने घाटों के सौन्दर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। 6-लेन सेतु का निर्माण भी जारी है। यह सभी कार्य प्रत्येक दशा में अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए। जिन विभागों द्वारा कार्य किया जा रहा है, वह इसकी लगातार मॉनीटरिंग करें, गुणवत्ता की परख करें और समय-सीमा के भीतर कार्य पूरा कराएं। प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान सतत जारी रखा जाए। सड़कों का चौड़ीकरण, सौन्दर्यीकरण का कार्य समय से पूरा कराया जाए। रोड साइड फसाड डेवलपमेण्ट का कार्य सितम्बर तक पूरा करा लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ का पुण्य लाभ प्राप्त करने आ रहे श्रद्धालुओं और देश-दुनिया के पर्यटकों की सुविधा के लिए, मेला क्षेत्र तक सुगमतापूर्वक आवागमन के लिए रोड, रेल और एयर की बेहतरीन कनेक्टिविटी होनी आवश्यक है। परिवहन विभाग द्वारा 7,000 से अधिक बसों की व्यवस्था कराई जाए। नगर विकास विभाग द्वारा अधिकाधिक ई0वी0 शटल बसों की उपलब्धता कराई जाए। एयरपोर्ट के नवीन टर्मिनल का निर्माण कार्य अक्टूबर तक पूरा करा लिया जाए। व्यवस्था ऐसी हो, जिससे एयरपोर्ट से मेला क्षेत्र तक पहुंचने में 30 से 40 मिनट से अधिक समय न लगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ भारत की प्राचीन संस्कृति का परिचायक है। इसकी गरिमा के अनुरूप पूरे नगर को सजाया जाना चाहिए। कुम्भ से जुड़े कथानक, सनातन संस्कृति के प्रतीकों आदि को चित्रित किया जाए। चौराहों पर कुम्भ के ‘लोगो’ लगाए जाने चाहिए। थीम आधारित द्वार, स्तम्भ, लाइटिंग के प्रयास होने चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 की स्वच्छता ने हर आगंतुक को प्रभावित किया था। इस बार भी हमें ऐसे प्रयास करने की आवश्यकता है। महाकुम्भ-2025 प्रतिबन्धित पॉलिथीन मुक्त हो, इसके लिए संकल्पित होकर जनसहयोग के साथ कार्य करना होगा। प्रयागराज का हर एक वॉर्ड-हर एक मोहल्ला स्वच्छ हो, इसके लिए मोहल्ला स्वच्छता समितियां गठित कराएं। अभी से प्रयास प्रारम्भ कर दें। जनजागृति बढ़ाएं। मेला क्षेत्र सहित पूरा प्रयागराज स्वच्छता का मॉडल बनकर प्रतिष्ठित हो, इसके लिए हर किसी को योगदान करना होगा। प्रयागराज नगर को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर ट्री गार्ड सहित पौधे लगाए जाएं। ‘ग्रीन प्रयागराज-ग्रीन महाकुम्भ’ का लक्ष्य लेकर कार्य किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के सम्भावित आगमन के दृष्टिगत मेला क्षेत्र में 1,50,000 शौचालयों की व्यवस्था की जानी चाहिए। इनकी नियमित सफाई के लिए 10,000 से अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। कर्मचारियों के मानदेय का समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित होना चाहिए। मेला क्षेत्र की स्वच्छता के लिए पर्याप्त कर्मचारी तैनात होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजनौर से बलिया तक के पूरे प्रवाह क्षेत्र में गंगा जी में कहीं भी गंदगी न हो। एक भी नाला/सीवेज गंगा जी में न गिरे। सीवरेज ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट के साथ-साथ सभी सम्बन्धित जनपदों में गंगा स्वच्छ समिति एक्टिव करें। गांवों से कूड़ा नदी में न डाला जाए। ड्रेनेज गंगा जी में न गिरें। मृत जानवरों का जल प्रवाह न किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षयवट, सरस्वती कूप तथा पातालपुरी कॉरीडोर का कार्य तेजी से पूरा कराया जाए। सेना से अपेक्षित सहयोग प्राप्त हो रहा है। उनसे सतत समन्वय बनाए रखें। नागवासुकि मन्दिर, श्रृंग्वेरपुर धाम, मनकामेश्वर मन्दिर, द्वादशमाधव मन्दिर और अलोपशंकरी मन्दिर में पर्यटन विभाग द्वारा जारी कार्य समय से पूरे कर लिए जाएं। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उनके प्रवास के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए। सांस्कृतिक आयोजनों के लिए अच्छे पण्डाल तैयार कराएं। विशिष्ट और अतिविशिष्ट अतिथियों के प्रवास के लिए भी शिविर तैयार किए जाने चाहिए।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में आने वाले हर श्रद्धालु/पर्यटक के साथ पुलिसकर्मियों का व्यवहार मधुर और मर्यादित हो। इसके लिए फोर्स की तैनाती से पहले उनकी काउंसिलिंग की जानी चाहिए। पुलिस को 24×7 एक्टिव रहना होगा। मेले के दौरान भीड़ प्रबन्धन एक महत्वपूर्ण विषय है। इसकी बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। आधारित भीड़ की निगरानी, भीड़ घनत्व का विश्लेषण, घटना की रिपोर्टिंग, कॉल सेंटर, खोया-पाया केन्द्र, फायर सेफ्टी, सीसीटीवी कैमरे, जल पुलिस की तैनाती आदि की समुचित व्यवस्था की जाए। जहां अतिरिक्त मैनपावर की आवश्यकता हो, प्रबन्धन करें। सुरक्षा के सभी मानकों पर पुख्ता प्रबन्ध होने चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के लिए रेलवे सबसे सहज साधन होगा। सबसे ज्यादा लोग इसी माध्यम से आएंगे। ऐसे में रेलवे के साथ समन्वय बनाएं। राज्यवार ट्रेनों के लिए स्टेशन/प्लेटफॉर्म पहले से नियत होंगे तो सुविधा होगी। इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए। महाकुम्भ आयोजन में किसी भी विभाग को कोई असुविधा आ रही हो तो तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है। बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास तथा कुम्भ मेलाधिकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने अब तक की तैयारियों से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया। बैठक में जनपद प्रयागराज तथा वाराणसी, रेलवे, एनएचएआई तथा सेना के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित रहे।

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