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मंगलवार, 12 मार्च 2024

तक्षशिला विश्वविद्यापीठ की पुनर्स्थापना के लिए हरिद्वार में हुआ शंखनाद

विगत 08 मार्च 2024, महाशिवरात्रि के शुभावसर पर धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित हुई तक्षशिला विश्वविद्यापीठ की त्रिदिवसीय षष्ठम् राष्ट्रीय बैठक में पूरे देश से आए हुए 50 से अधिक धर्मनिष्ठ समाजसेवियों एवं शिक्षाविदों ने भाग लिया। ‘तक्षशिला विश्वविद्यापीठ’ के बैनर तले उसके अग्रज न्यास ‘हिंगलाज मानव सेवा संस्थान’ के द्वारा आयोजित की गई इस महाबैठक का संयोजन हरिद्वार-ऋषिकेश के प्रबुद्ध मनीषी आचार्य (डॉ०) कमलेश काण्डपाल के द्वारा किया गया। 

बैठक के प्रथम सत्र का शुभारंभ मां वाग्देवी की वन्दना के साथ हुआ। तदोपरांत हिंगलाज मानव सेवा संस्थान न्यास की राष्ट्रीय शैक्षणिक पहल ‘तक्षशिला परियोजना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड० राहुल तिवारी ने सभी आगंतुक सहयोगियों को तक्षशिला परियोजना के द्वारा गत वर्षों में शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्यों के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उनके साथ ही बड़ौत, बागपत से आए तक्षशिला विद्यापरिषद के अध्यक्ष चौधरी अमित बालियान ने तक्षशिला विश्वविद्यापीठ के विद्या-पाठ्यक्रमों की महत्ता एवं उनकी भविष्यगामी प्रभावशीलता के विषय में सभा को अवगत करवाया। तत्पश्चात बैठक में दिल्ली से आई सुमन द्विवेदी एवं हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से आए अरविन्द कुमार कौंडल के द्वारा प्रस्तावित भारत की प्राचीन शिक्षा-पद्धति को नवोन्मेषी शिक्षा नीति के साथ आबद्ध करके देश के भावी कर्णधारों को तैयार करने की योजना पर गहन विचार-मंथन किया गया।

उत्तर प्रदेश के इलेक्ट्रॉनिक सिटी नोएडा महानगर से आए विद्यापीठ के प्रमुख संस्थापक सदस्यों, विकास कुमार एवं पंकज गोयल ने सभा को बताया कि तक्षशिला विश्वविद्यापीठ को उसके मूल स्वरूप में पुनर्स्थापित करने का प्रण लेने वाले धर्मनिष्ठ शिक्षाविद, पिछले एक दशक में किन-किन समस्याओं और अवरोधों का सामना करते हुए इस महान संस्थान को कल्पना से वास्तविक धरातलीय बनाने में संघर्षरत हैं? सभा से विद्यापीठ के विस्तारीकरण में सहयोग का आह्वान करते हुए उन्होंने इस कार्य में अपना समर्पण प्रदान कर रहे सभी पालकों एवं सहयोगियों का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया एवं ईश्वर से उनके उज्ज्वल भविष्य एवं समृद्धता की कामना की। 

बैठक के विभिन्न सत्रों के मध्य कुछ विशेष सत्र सांकृतिक उन्नयन एवं ध्यान व योग को समर्पित भी रहे। बैठक के प्रथम दिवस की सांध्य बेला में सुमन द्विवेदी द्वारा आयोजित लघु सांस्कृतिक सत्र में भारतवर्ष के ‘अनेकता में एकता’ नामक मूलमंत्र की आधारीयता को दृढ़ करने वाले बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। बैठक के द्वितीय दिवस प्रातः काल आचार्य (डॉ०) कमलेश काण्डपाल ने मां गंगा के तट पर बैठक में सम्मिलित हुए सभी सदस्यों को योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा के विषय में विशेष जानकारियां प्रदान कीं। इसी के साथ बैठक संयोजक मण्डल के सदस्य आचार्य राम चंद्र पाण्डेय ने गंगा तट पर आगंतुक सदस्यों को नमामि गंगे परियोजना की सफलता और उसके लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी प्रदान की ।

स्वास्थ्यगत समस्याओं के चलते बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर से विद्यापीठ के महाकुलाधिपति दुर्गा प्रसाद मुखर्जी, उत्तर प्रदेश के एटा से विद्यापीठ के चेयरपर्सन एवं प्रमुख सलाहकार डॉ० अशोक कुमार जौहरी, लखीमपुर से विद्यापीठ के कुलसचिव व कुलगुरु मनोज श्रीवास्तव एवं मोहन धवन, वर्चुअल उपस्थिति के द्वारा बैठक की कार्यवाही के साक्षी बने। तत्पश्चात तक्षशिला विश्वविद्यापीठ के कुलाधिपति एवं हिंगलाज मानव सेवा संस्थान के अध्यक्ष आचार्य श्रीवृत्त ने तक्षशिला के पुनर्निमाण में अपनी  सामर्थ्य का दान देने वाले विद्यापीठ एवं हिंगलाज मानव सेवा संस्थान न्यासों के सभी न्यासियों, परिषदीय प्रभारियों, राज्य प्रमुखों एवं समस्त सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए बैठक के समापन की घोषणा की।

उक्त के अतिरिक्त बैठक में भाग लेने वाले सहयोगी सदस्यों में उत्तर प्रदेश के बरेली से मुकेश गंगवार, आगरा से मुकेश सिंह राठौर, लखनऊ से मनीष प्रताप सिंह, बुलंदशहर से अजय चौधरी, ग़ाज़ियाबाद से सुधीर चंद्र शर्मा, चंदौली से कृष्णानन्द तिवारी व मनीष कुमार सिंह, बड़ौत से शिवम सिंह कुंडू एवं लखीमपुर से कुश मिश्रा, कुलदीप शर्मा, अंकित मेहरोत्रा व अनुज कुमार शुक्ला उपस्थित रहे। उत्तराखण्ड के देहरादून से चंद्र भूषण तिवारी, हृदेश तिवारी, इन्द्रेश जोशी व त्रिलोक काण्डपाल, पौड़ी गढ़वाल से मनीष कैंथोला, हरिद्वार से नवीन शंकर शर्मा, दिनेश तोमर व अंकित गर्ग एवं ऋषिकेश से अश्वनी दीक्षित ने अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की।

पंजाब राज्य के लुधियाना से दीपक गर्ग, सीए विकास थापर, नाभा से संजीव कंसल व नितिन जिंदल, चंडीगढ़ से सीए महावीर सिंह भंडारी, मोहाली से सीए राकेश मालिक व सीए नलिनी मालिक उपस्थित हुए। झारखंड के जमशेदपुर से सीए राकेश बैनर्जी एवं मैत्रेयी बैनर्जी ने बैठक में भाग लिया। हिमाचल प्रदेश के ऊना से अनिल कुमार एवं शिमला से संजीव कुमार वर्मा उपस्थित रहे। उपरोक्त के अलावा जम्मू एवं कश्मीर से अजीत कुमार मिश्रा, दिल्ली से सतीश सहरावत एवं एड० वैभव सिंह, हरियाणा के जींद से मंदीप सिंह गोयत व गुरुग्राम से मनीष निमावत बैठक के अंग बने। कर्णाटक के बंगलुरु से शिवमूर्ति, पश्चिम बंगाल के कोलकाता से रमाकांत निषाद एवं गुजरात के सूरत से राकेश जबरचंद भाई छीपा ने भी दूरस्थ स्थानों से आकर बैठक को ऊर्जा प्रदान की।

ज्ञात हो कि हिंगलाज मानव सेवा संस्थान जो कि एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है, की तक्षशिला परियोजना के अंर्तगत संचालित किए जाने वाले तक्षशिला गुरुकुल में समाज के सभी वर्गों के योग्य छात्रों को निःशुल्क आधुनिक आवासीय शिक्षा प्रदान की जाती है। इसके अलावा गुरुकुल छात्रों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं की पूर्व-तैयारी करवाता है एवं उनकी आत्मिक एवं आध्यात्मिक चेतना के उन्नयन व विकास के लिए योग एवं वैदिक शिक्षा पर आधारित विभिन्न पाठ्यक्रम एवं सत्र भी संचालित करता है। 

हिंगलाज मानव सेवा संस्थान के द्वारा संचालित की जा रही इस तक्षशिला परियोजना के अंतर्गत अगले सत्र में 4 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक की आयु के बालक प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे बालक जिनके माता अथवा पिता में से कोई एक अथवा दोनों नहीं हैं अथवा जो आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों से संबंध रखते हैं, तक्षशिला गुरुकुल उन्हें अपने यहां प्राथमिकता से प्रवेश प्रदान करता है।


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