नववर्ष 2024 का कैलेंडर अपने दिन एवं दिनांको को संजोए हुए इस सदी में पहली बार आएगा। कैलेंडर 1 जनवरी 2024 को दिन सोमवार से प्रारंभ होकर 31 दिसंबर 2024 दिन मंगलवार पर समाप्त होगा। ऐसी तारीखो एवं दिनों को समाहित किया हुये, ऐसा कैलेंडर इस शताब्दी में कुल तीन बार आएगा। आगामी वर्षों 2052 तथा 2080 में यह फिर दोहराएगा। नववर्ष 2024 एक लीप वर्ष है, जिसमे फरवरी 29 दिनों की तथा वर्ष 366 दिनो का होगा। किसी लीप वर्ष के कैलेंडर के दोहराने की यह प्रक्रिया एक ही सदी मे 28 वर्षों बाद आती है।
कैलेंडर से जुड़े ऐसे रोचक तथ्यों को कैलेंडर विश्लेषक अतुल सक्सेना ने अपने स्वनिर्मित सैकड़ो वर्षों की कोड-कैलेंडर की सारणियों के आधार पर बताया है। वह लखनऊ पब्लिक स्कूल, लखीमपुर खीरी में गणित शिक्षक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विगत सदी में यही कैलेंडर वर्ष 1912,1940,1968 एवं 1996 में कुल चार बार दोहराया था। एक ही सदी में किसी सामान्य वर्ष के कैलेंडर के दोहराने का यह क्रम अधिकतम 11बार आता है। किंतु, ऐसा संयोग लीप वर्ष के कैलेंडर में 28 वर्षों बाद एक ही सदी में आता है। किसी कैलेंडर के दोहराने की प्रक्रिया पूर्णतः गणितीय नियमों पर आधारित होती है।
नववर्ष 2024 का वर्षकोड *034025036146* है। यह 12 अंकों का समूह क्रमानुसार 12 महीनो जनवरी से दिसंबर तक के लिए हैं। किसी दिनांक में उसके माह का कोड जोड़कर, प्राप्त योगफल को 7 से भाग करने पर जो शेषफल आता है, वह उस दिन को बताता है। शून्य से 6 तक के प्राप्त शेषफल क्रमशः रविवार से शनिवार तक के दिनो को क्रमानुसार बताते हैं। जैसे 26 जनवरी, 2024 का दिन जानने के लिए 26 में माह-कोड शून्य जोड़ने पर आए योगफल (एडेन्ड) 26 को 7 से भाग(डिवाइड) करने पर जो शेषफल (रिमैन्डर) 5 आएगा, वह दिन शुक्रवार होने को बताता है। ऐसे ही 1 फरवरी, 2024 का दिन जानने के लिए दिनांक 1 में फरवरी का माह-कोड 3 जोड़ने पर योगफल 4 आता है, जिसे 7 से भाग करने पर भागफल शून्य किंतु शेषफल 4 ही आएगा, जो दिन गुरुवार होने को बताता है। इस तरह कोई भी अल्प अभ्यास द्वारा नववर्ष 2024 के कैलेंडर को मुंह-जुबानी बना सकता है।
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