धन्य हुआ जीवन हम सबका
पहुंच प्रभु जगन्नाथ जी के द्वार
हुई कृपा बड़भागी हम सब पर
मिले मनमोहक दर्शन बारम्बार
सरिताशुतोष शुभांशीकपिल
संग रामार्चना प्रभु दरबार चले
स्मृति शुभ साथ प्रांजल प्रशुभ
निज निज गृह से नगरी पुरी बढ़े
गोला, लखीमपुर, लखनऊ से
चल माध्यम रेल यात्रा को चुना
पहुंचते पहुंचते पावन पुरी धाम
साहचर्य - सहयोग माध्यम बना
सुस्वादु जलपान भोज - आहार
हास परिहास,मनोरंजन-आराम
होटल लैंडमार्क में हो तरोताजा चल दिए प्रभु दर्शन को अविराम
लाखों हर्षांवित भक्तसमूह मध्य
धवल चांदनी में प्रभु दर्शन पाया
लखि मनोहारी छवियां प्रभु की
उल्लासित मन अतिशय हर्षाया
मध्य रात्रि और बेला सुप्रभात में
उठती बढ़ती लहरों बीच ले आनंद
पुनः दर्शन प्रभु और धाम का कर
चिलका लेक देख,पा प्रसाद आनंद
दिवस अगले फिर दर्शन, वंदन कर
चंद्रभाग बीच,कोणार्क सूर्यमंदिर देख
नबगुंजरा टैरेश भुवनेश्वर ले विश्राम
लिंगराज हरिहरा दर्श हुए हर्षातिरेक
खंडगिरि उदयगिरि का कर भ्रमण
नंदनकानन जू ,जीव-जंतु पक्षी देखे
उड़ीसा स्टेट म्यूज़ियम देख जान कर
प्रियदर्शनी हैंडलम से आए साड़ी लेके
घर से बाहर मिलना घर का ही खाना
अन्नपूर्णाओं का ही था यह चमत्कार
भीड़, उमस, बेचैनी और थकान पर
भारी पड़ा सहयोग साहचर्य-अनुराग
इस तीर्थाटन की सफलता का मंत्र
बना अग्रिम व्यवस्था, परस्पर सद्भाव
आशु-कपिल का अद्भुत सामंजस्य
बच्चों सहित हम सबका अमर जुड़ाव
जय हो जगन्नाथ प्रभु, हरीहरा की
सर्वदा ऐसी ही कृपा-जुड़ाव रहे बना
हिल मिल कर भ्रमण पर आते रहें
सदा सफल हो दर्शन-देशाटन अपना
✍️रामG
राम मोहन गुप्त 'अमर'
03 जुलाई 2023
( दर्शन यात्रा का सार... काव्य रूप में)
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