दिल्ली के जंतर मंतर पर फिर भारत के टॉप पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. सात महिला पहलवानों ने महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है. इस साल की शुरुआत में भी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ और अन्य ट्रेनर्स के खिलाफ विरोध किया था.
पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि जब तक बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे. वहीं, विनेश फोगट ने कहा, 'बार-बार कोशिश करने के बावजूद सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. हम न्याय मिलने तक यहीं खाएंगे और सोएंगे. हम तीन महीने से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और अन्य संबंधित प्राधिकरण से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. समिति के सदस्य हमें जवाब नहीं दे रहे हैं, खेल मंत्रालय ने भी हमें कुछ नहीं कहा, वे हमारा फोन भी नहीं उठाते. हमने देश के लिए पदक जीते हैं और इसके लिए अपना करियर दांव पर लगा दिया है.'
इससे पहले क्या कुछ हुआ था
खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था. बाद में, रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा दो सप्ताह बढ़ा दी और प्रदर्शनकारी पहलवानों की अपील पर बबीता फोगट को जांच पैनल में अपने छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया. समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन मंत्रालय ने अभी तक अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पहलवान कई सुनवाई के बाद डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके.
पहलवानों ने दी थी पुलिस के पास जाने की धमकी
पहलवानों ने पहले कहा था कि वे कानूनी रास्ता नहीं अपनाना चाहते क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पर भरोसा है, लेकिन चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे पुलिस के पास जाएंगे. उन्होंने कहा कि वे ओलंपियन बबीता फोगट, जो बीजेपी की सदस्य हैं और हरियाणा सरकार का हिस्सा हैं, की मध्यस्थता से खेल मंत्रालय में बातचीत से संतुष्ट नहीं हैं. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर पहलवानों से मुलाकात की थी और आरोपों को 'गंभीर' बताया था.
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