● किसान संघ की मांगे देश की कृषि व किसान की दशा व दिशा बदलने वाली हैं- दिनेश कुलकर्णी, अखिल भारतीय संगठन मंत्री
● केंद्रीय बजट हमारी व देश के किसानों की उम्मीद के मुताबिक नहीं
● तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा में पारित हुये तीन प्रस्ताव।
● ब्लैडिंग के नाम पर मिलावट का कानूनी प्रावधान बंद हो। कृषि अनुसंधान क्षेत्र में सरकारी निवेष बजट में बृद्वि की जाये।
जयपुर/खाटूश्याम 9 फरवरी- भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार से प्रारंभ होकर गुरूवार को जयपुर खाटू श्याम की जयपुर धर्मशाला में संपन्न हुई। किसान संघ की तीन दिवसीय बैठक में संगठन के कार्य विस्तार करने की योजना बनाई गई। जिसमें 38 प्रांतो के 800 की संख्या में किसान संघ के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे। प्रतिनिधि सभा में 15 आयामो के प्रमुखों ने भी अपने कार्य वृत्त व आगामी कार्ययोजना को रखा।
समापन सत्र को संबोधित करते हुये भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि किसान गर्जना रैली दिल्ली आंदोलन से किसान संघ की प्रतिष्ठा व किसानों का विश्वास भारतीय किसान संघ पर बढ़ा है। किसानों की ताकत को समझकर सरकारों को किसानों की मांगो पर विचार निर्णय लेना चाहिये। वर्तमान केंद्रीय बजट पर अपनी बात कहते हुये श्री कुलकर्णी ने कहा कि केंद्रीय बजट हमारी व देश के किसानों की उम्मीद के मुताबिक नहीं है। हमारे द्वारा सरकार के समक्ष रखी गई चार मागें देश की कृषि व किसान की दशा व दिशा बदलने वाले थे। केंद्र सरकार से देश का किसान इस दिशा में सकारात्मक कार्ययोजना निर्माण करने की उम्मीद कर रहा है। जैविक खेती व प्राकृतिक खेती के विषय पर फैल रहे भ्रम पर श्री कुलकर्णी ने कहा कि गौ आधारित खेती करते हुये ही हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। अलग से जैविक पदार्थाे का निर्माण कर उपयोग करते हुये खेती करने की आवश्यकता नहीं है।
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह ने संगठन के कार्य विस्तार व सदस्यता की कार्ययोजना के विषय पर अपने विचार रखे। प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक का संचालन राष्टीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने किया। नवनियुक्त किसान संघ के राष्टीय कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस बसोतिया ने सदस्यता लक्ष्य की बात करते हुये कहा कि एक लाख ग्रामसमितियों में एक करोड़ की सदस्यता का लक्ष्य भारतीय किसान संघ ने लिया है। सभी के सम्मिलित प्रयास से हम इस लक्ष्य को अवश्य हासिल करेंगे। इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के देश भर के प्रांत, प्रदेश व राष्टीय स्तर के प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
● प्रतिनिधि सभा में पारित हुये तीन प्रस्ताव।
किसान संघ की प्रतिनिधि सभा में कृषि व किसान के विषयों पर चिंता व्यक्त करते हुये तीन प्रस्ताव पारित हुये। पारित प्रस्तावों के बारे में जानकारी देते हुये अखिल भारतीय महामंत्री श्री मोहिनी मिश्र ने बताया कि केंद्रीय प्रस्ताव कमेटी ने तीन प्रस्ताव तैयार कर प्रतिनिधि सभा में रखे। जिसे प्रतिनिधि सभा ने एकमतेन होकर पास किया है। जिसे केंद्र सरकार के पास उचित कार्यवाही के लिये भेजा जायेगा।
● प्रस्ताव-
1. अंतरराष्टीय मिलेट बर्ष के अवसर पर श्री अन्न के संबंध में पारित प्रस्ताव के माध्यम से मांग की गई कि मोटे अनाज के बीज की उपलब्धता सुनिष्चित की जाये। श्री अन्न में पोषक तत्व दीर्घ अवधि तक सुरक्षित रहने के गुण को देखते हुये भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की जाये। मोटे अनाजों का प्रसंस्करण व अनुसंधान भी हो। श्री अन्न की खेती के प्रशिक्षण की व्यवस्था हो। ‘‘मध्यान्ह भोजन योजना‘‘ में श्री अन्न को शामिल करने की मांग भी प्रस्ताव में कही गई।
2. द्वितीय प्रस्ताव में कृषि अनुसंधान में सरकारी निवेश की आवष्यकता पर बल दिया गया। जिसमें कहा गया क़ि कृषि अनुसंधान की दिशा में लघु व सीमांत किसानों को लाभ देने उनके पास उपलब्ध संसाधनों का ध्यान रख उद्यमिता व स्वरोजगारन्मुखी नीति बनाई जाये। कृषि में उच्च वृद्वि दर्ज करने के लिये अनुसंधान व तकनीकि विकास हेतु अनुसंधान बजट में पर्याप्त वृद्वि की जाये। भौगोलिक सूचक उत्कृष्ट क्षेत्र, जल, पशुपालन, फसल अवशेष एवं मूल्य सम्वंर्धन तथा एकीकृत कृषि पद्वति पर आधारित शोध में संषोधन की आवष्यकता होनी चाहिये।
3. भारतीय एग्रो इकानामिक रिसर्च सेंटर के राष्टीय अध्यक्ष श्री प्रमोद चौधरी ने तृतीय प्रस्ताव रखते हुये बताया कि ब्लैडिंग के नाम पर मिलावट का कानूनी प्रावधान बंद हो। खाद्य तेलों में ब्लैडिंग को पूर्ण समाप्त कर इस पर मिलावट के अपराध की धारा लागू की जाये। तिलहन उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये अच्छे दामो पर खरीद सुनिष्चित की जाये। तिलहन व खाद्य तेलों के आयात पर अधिकतम आयात शुल्क की दर लगाई जाये। पारित प्रस्ताव में तिलहन की खेती करने वाले किसान को प्रोत्साहन राशि देने की बात भी कही। जिससे किसान की उत्पादन लागत कम हो सके।
● जी एम सरसों के विरोध में 11 राज्यों के मुख्यमंत्रीयों के खिलाफ प्रदर्शन करेगा किसान संघ- मोहिनी मोहन मिश्र
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री श्री मोहिनी मोहन मिश्र ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरसों उत्पादक राज्यों में जी एम सरसों के विरोध में भारतीय किसान संघ 11 राज्यों के मुख्यमंत्रीयों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा। श्री मिश्र ने कहा कि जी एम सरसों की अनुमति देश के किसानों, कृषि, पर्यावरण व नागरिकों के स्वास्थ्य के लिये खतरनाक है। पुरूष नपुंशकता के आधार पर तैयार बीज कैंसर को पैदा करने वाला है। इसलिये इसकी अनुमति वापिस लेना चाहिये।
● किसान संघ की मांग पर केंद्रीय कृषि लागत व मूल्य आयोग की बैठक फरवरी में।
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री ने प्रतिनिधि सभा में जानकारी दी कि दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में किसान संघ ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन के माध्यम से सरकार के सामने चार मांगे रखी थी। जिनमें लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग, कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त करने, किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की जाये व जीएम सरसों की अनुमति वापिस ली जाये प्रमुख थी। महामंत्री श्री मिश्र ने बताया कि लागत आधारित लाभकारी मूल्य की मांग पर कार्यवाही करते हुये केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन संस्था कृषि लागत व मूल्य आयोग के द्वारा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक फरवरी में आयोजित करने निर्णय लिया है। पत्र के माध्यम से भारतीय किसान संघ को भी अपने दो प्रतिनिधि भेजने के लिये कहा गया है।
◆ राघवेंद्र सिंह पटैल
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख
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