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शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

‘विद्वान अधिवक्ता, पत्रकार और समाजसेवी ही समाज को सुरक्षा, गति एवं दिशा प्रदान करते हैं - जगद्गुरु शंकराचार्य

प्रयागराज श्री मज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज के सानिध्य में श्रीमद्ज्योतिष्पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद सरस्वती जी महाकक्ष (हॉल) में आयोजित नौ दिवसीय आराधना महोत्सव के समापन समारोह में अंतिम दिन पूज्य शंकराचार्य श्रीमद्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने 151 विद्वानों एवं 25 अधिवक्ताओं, पत्रकारों एवं समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित करते हुये कहा कि विद्वान अधिवक्ता, पत्रकार और समाजसेवी ही समाज को सुरक्षा, गति एवं दिशा प्रदान करते हैं। उक्त सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक श्री दिनेश जी थे। डॉ हरेराम त्रिपाठी कुलपति सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की अध्यक्षता में सम्पन्न इस कार्यक्रम में जजमान आदरणीय ब्रह्मचारी श्री गिरीश वर्मा जी महर्षि विद्या मंदिर भोपाल रहे। पूज्य कथाव्यास आचार्य जितेन्द्रनाथ महाराज श्रीनाथपीठ, श्रीदेवनाथ मठ, सुरजी अंजन गांव, अंजनीग्राम, जिला अमरावती को भी पूज्य शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने सम्मानित किया। मुख्य अतिथि श्री विनोद जी ने श्रीराम मंदिर के सम्बन्ध में बताया कि 1992 में श्रीराम कार सेवकों ने पुराना ढांचा ध्वस्त करके नया ढांचा बनने के लिए रास्ता साफ कर दिया। तभी श्रीरामजन्म भूमि का नव निर्माण हो सका। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस स्थल को श्रीरामंदिर होने की पुष्टि की तथा केन्द्र सरकार को इसके निर्माण व व्यवस्था के लिए एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया जो भारत सरकार ने बनाया जिसके अध्यक्ष महंत श्रीनृत्यगोपालदास जी हैं। विशेष रूप से मंदिर के लिए आरक्षित 70 एकड़ भूमि भारत सरकार ने ट्रस्ट को सौंपा जिसके 8 एकड़ में राममंदिर बना। मंदिर निर्माण के लिए 40 फिट नीचे तक की मिट्टी निकाली गयी जिसमें 33 फिट तो पत्थर ही पत्थर है। मंदिर का लोकार्पण सूर्य उत्तरायण होने के बाद किया जायेगा। इसकी निर्माण योजना 2023 तक पूर्ण हो जायेगा। सम्मानित हुये विद्वानों और संस्थाओं में डॉ हीरा लाल पाण्डेय, डॉ सुन्दर लाल द्विवेदी, डॉ चन्द्रदेव मिश्र, डॉ भगवत शरण शुक्ला, डॉ शिवार्चन उपाध्याय, आचार्य छोटे लाल मिश्र, ब्रह्मचारी विशुद्धानन्द, ब्रह्मचारी दण्डीस्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती, डॉ शम्भूनाथ त्रिपाठी ‘अंशुल’, पत्रकार एवं प्रयागराज विद्वत परिषद के समन्वयक अधिकारी पं विरेन्द्र पाठक, प्रयाग विद्वत समिति के पं श्रीधर मिश्र, पं चन्द्रनाथ चकहा ‘मधु चकहा’, स्व फूलचन्द्र दुबे लिये पं दुर्गेश दुबे, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गिरीश तिवारी, पूर्व अध्यक्ष के बी तिवारी एवं स्व नर्वदा प्रसाद मिश्र के लिए पं राजेन्द्र मिश्र ‘रज्जू’ ने सम्मान में दी गयी शाल, रूद्राक्ष, शताब्दी ग्रंथम् आदि प्राप्त किया। प्रो राजाराम यादव पूर्व कुलपति, पं रामनरेश त्रिपाठी पिंडीवासा, वरिष्ठ अधिवक्ता पं सरयू प्रसाद द्विवेदी, वाचस्पति पाण्डेय, इलाहाबाद प्रेस रिपोर्टर क्लब के मंत्री श्री मुनीन्द्र वाजपेई, डॉ बी बी अग्रवाल, गोरक्षा विभाग-विश्व हिन्दू परिषद काशी प्रांत के मंत्री पं लालमणि तिवारी एवं ज्योतिष्पीठ पं ओंकारनाथ त्रिपाठी आदि ने भी उपरोक्त सम्मान प्राप्त करके पूज्य शंकराचार्य जी महराज का आर्शीवाद लिया।  कार्यक्रम के अन्त में पूज्य श्रीमद्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी ने परमविद्वान ज्योतिषी, शास्त्रज्ञ एवं सम्पादक रहे आजीवन सनातन धर्म और संस्कृति के लिए जीवन को समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन पं डा रामनरेश त्रिपाठी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मैं भी डा0 त्रिपाठी के पास प्रेस विज्ञप्तियाँ लेकर जाता था, जिससे उनकी सरलता और सहजता का भान हो जाता है। विद्वत सम्मान कार्यक्रम का संचालन डा शम्भूनाथ त्रिपाठी ‘अंशुल’ जी ने किया। आज आराधना महोत्सव कार्यक्रम का अंतिम दिन था। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जगद्गुरु घनश्यामाचार्य जी महाराज, दण्डी स्वामी विनोदानंद सरस्वती, विद्या मंदिर भोपाल के महर्षि ब्रह्मचारी गिरीश वर्मा, दण्डी स्वामी शंकरानंद सरस्वती, दण्डी स्वामी शिवानंद, ब्रह्मचारी आत्मानंद जी, अनिल कुटेटा आचार्य शिवार्चन उपाध्याय शास्त्री जी, आचार्य अभिषेक मिश्रा, विपिन मिश्रा, आचार्य मनीष जी, वेद प्रकाश शर्मा, राम अधार शर्मा, दिनेश शर्मा, राजेश राय, सीताराम शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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