🔘 आठ वर्षों की मैत्री साधना बनी अंतरराष्ट्रीय गौरव, नेपाल में लायंस आर्येंद्र लहराएंगे लखीमपुर की सेवा-ध्वजा
लखीमपुर। खीरी की धरती के लिए यह गर्व का क्षण है। सेवा, सौहार्द और मानवता के आदर्शों को अपने कर्म से जीवंत करने वाले लायन्स क्लब उपकार के पूर्वाध्यक्ष लायन आर्येन्द्र सिंह अब नेपाल में होने जा रही लायन्स क्लब इंटरनेशनल मण्डल 325N की द्वितीय कैबिनेट बैठक में बतौर विशिष्ट अतिथि भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
आगामी 13 दिसंबर को धनगढ़ी, नेपाल में आयोजित होने वाली इस प्रतिष्ठित बैठक में उन्हें विशेष रूप से इंटरनेशनल क्लब्स ट्यूनिंग प्रोग्राम के प्रमोशन हेतु आमंत्रित किया गया है जो स्वयं में उनके वर्षों के समर्पित सेवा-भाव और अंतरराष्ट्रीय सहभागिता का सम्मान है।
डिस्ट्रिक्ट 321B1 के डिस्ट्रिक्ट चेयरपर्सन और इंटरनेशनल ट्यूनिंग प्रोग्राम के प्रमुख प्रवर्तक लायन आर्येन्द्र सिंह बीते आठ वर्षों से भारत नेपाल मैत्री विनिमय कार्यक्रम के सूत्रधार बने हुए हैं। उनकी पहल ने दोनों देशों के बीच सेवा कार्यों, सांस्कृतिक संरक्षण और पारस्परिक मित्रता को नई ऊँचाइयाँ दी हैं। हाल ही में नेपाल त्रासदी के दौरान फँसे भारतीय ड्राइवर्स को सुरक्षित निकलवाने में उनकी सक्रियता ने न सिर्फ मानव सेवा की मिसाल पेश की बल्कि सीमा पार मानवीय रिश्तों की मजबूती को भी रेखांकित किया। नेपाल में भारत की ओर से श्री सिंह द्वारा प्रतिनिधित्व संबंधी उपलब्धि पर डिस्ट्रिक्ट 321B1 के गवर्नर लायन डॉ. आर.सी. मिश्रा, कैबिनेट चीफ सेक्रेटरी लायन विनीत कुमार श्रीवास्तव, लायन्स उपकार अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्वाध्यक्ष राजवीर सिंह, सुरेन्द्र कुमार तोलानी, विशाल सेठ, एच.एस. पाहवा, सचिव अमर सिंह, कुलदीप गुप्ता सहित अनेक पदाधिकारियों ने हर्ष जताते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
नेपाल प्रस्थान से पूर्व श्री सिंह ने कहा यह मेरे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि नेपाल लायन्स ने मुझे आमंत्रित किया है। भारत–नेपाल मैत्री की यह अनवरत धारा यूँ ही बहती रहे, इसके लिए मैं सकारात्मक और सार्थक प्रयास करता रहूँगा। लायन आर्येन्द्र सिंह का यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान न सिर्फ लखीमपुर खीरी, बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का क्षण है जहाँ सेवा का दीपक सीमाएँ नहीं देखता, बल्कि मानवीय भावनाओं के पथ पर दोनों देशों को जोड़ने वाली उजली रौशनी बन जाता है। यह सिर्फ सहभागिता नहीं, बल्कि भारत नेपाल मैत्री का एक जीवंत अध्याय है जो आगे भी प्रेरणा देता रहेगा।
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