🔘 सीएम युवा उद्यमी योजना में लापरवाही पर डीएम सख्त, एचडीएफसी बैंक से खिसकेंगे शासकीय खाते
लखीमपुर खीरी, 24 दिसंबर। जब शासन की मंशा युवाओं के हाथों में हुनर के साथ स्वावलंबन की मशाल सौंपने की हो और तंत्र का कोई हिस्सा उस मशाल की लौ मंद कर दे तो प्रशासन का कठोर होना स्वाभाविक ही नहीं, आवश्यक हो जाता है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान में अपेक्षित प्रगति न होने पर जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने ऐसा ही दृढ़ और निर्णायक रुख अपनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि युवाओं के भविष्य से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं होगा। बेरोजगार, शिक्षित और तकनीकी दक्ष युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की इस महत्वाकांक्षी योजना में एचडीएफसी बैंक की अत्यंत धीमी कार्यप्रणाली को डीएम ने न केवल अस्वीकार्य बताया, बल्कि इसे शासन एवं उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना की श्रेणी में रखा। निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 46 प्रकरणों में से मात्र 05 में ही प्रगति यह आंकड़ा अपने आप में व्यवस्था की सुस्ती पर तीखा सवाल है, विशेषकर तब जब अन्य बैंक अपेक्षित सहयोग और संवेदनशीलता का परिचय दे रहे हों। प्रशासनिक सख्ती के संकेत देते हुए डीएम ने पुलिस अधीक्षक तथा उत्तर एवं दक्षिण खीरी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारियों को पत्र भेजकर अपेक्षा की है कि उनके विभागों के वे सभी शासकीय खाते, जो वर्तमान में एचडीएफसी बैंक में संचालित हैं, उन्हें किसी अन्य शासकीय बैंक में स्थानांतरित किया जाए। खास तौर पर वन विभाग के प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफेंट से जुड़े खातों को भी एचडीएफसी बैंक से हटाने के निर्देश प्रशासन की गंभीरता को रेखांकित करते हैं। इसके अतिरिक्त, जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि एचडीएफसी बैंक में संचालित सभी शासकीय खातों का शीघ्र अन्य बैंक में स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाए।
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल का संदेश दो टूक और चेतावनी से भरा है शासन की प्राथमिक योजनाएं कागजों की शोभा नहीं, बल्कि युवाओं के जीवन में परिवर्तन का माध्यम हैं। जो भी बैंक या संस्था इस परिवर्तन की गति में बाधा बनेगी, उसके विरुद्ध कठोर प्रशासनिक निर्णय लेने से जिला प्रशासन पीछे नहीं हटेगा। यह फैसला केवल खातों के स्थानांतरण का नहीं, बल्कि उस चेतना का प्रतीक है जिसमें युवाओं के सपनों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और यह भी कि उनके रास्ते में आने वाली हर रुकावट पर प्रशासन की निगाह अब और पैनी हो चुकी है।
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