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शनिवार, 22 नवंबर 2025

Lmp. सरोज–वीरेंद्र गुप्ता स्मारक टूर्नामेंट के शुभारंभ ने जगाया बेटियों के सपनों को उड़ान देने का संकल्प

🔘 सरोज–वीरेंद्र गुप्ता स्मारक टूर्नामेंट के शुभारंभ ने जगाया बेटियों के सपनों को उड़ान देने का संकल्प

लखीमपुर खीरी। आयुषी द स्माइल फाउंडेशन के सौजन्य से स्थानीय कुंवर खुशवक्त राय बालिका इंटर कॉलेज का प्रांगण शनिवार की सुबह एक अद्भुत उत्साह, ऊर्जा और आशा के प्रकाश से भर उठा। दो दिवसीय सरोज–वीरेंद्र गुप्ता स्मारक बालिका बैडमिंटन टूर्नामेंट के प्रथम दिवस विभिन्न विद्यालयों की बालिकाओं ने जूनियर और सीनियर वर्गों में बढ़-चढ़कर सहभागिता देकर सिद्ध कर दिया कि नारी शक्ति केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि उपलब्धि का प्रतीक भी है।

बताते चलें एक दशक से अधिक समय से सतत आयोजित यह प्रतियोगिता केवल खेल का आयाम नहीं, बल्कि समाजसेवा, संस्कार और स्मृतियों का वह पुल है जिसका निर्माण आशीर्वाद होटल की स्वामिनी कुमकुम गुप्ता के स्वसुर, प्रतिष्ठित इनकम टैक्स एडवोकेट वीरेंद्र गुप्ता ने अपनी दिवंगत पत्नी सरोज गुप्ता की पावन पुण्य स्मृति में किया था। 

एड. वीरेंद्र गुप्ता के देहावसान के बाद भी परिवार और समाजसेवी संस्थाओं ने इस परंपरा को अविच्छिन्न रखते हुए इसे सरोज–वीरेंद्र गुप्ता स्मारक टूर्नामेंट के रूप में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यह प्रतियोगिता समाज के सामूहिक सहयोग, खेल भावना और संस्कारों के संरक्षण का जीवंत उदाहरण है। 

उल्लेखनीय है कि इसी क्रम में गत दिवस मुख्य अतिथि एडिशनल एसपी अमित कुमार राय ने दीप प्रज्वलन, एक शानदार शॉट तथा जूनियर वर्ग के प्रथम मैच का टॉस कर टूर्नामेंट का शुभारंभ किया। इससे पूर्व आठ विद्यालयों की बालिका खिलाड़ियों की सहभागिता वाले इस आयोजन में वर्गवार मैचों का निर्धारण, नियम निर्देश और सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की गईं। मैदान में उमड़ता उत्साह, खिलाड़ियों के चेहरे पर चमकता आत्मविश्वास और दर्शक दीर्घा में गूंजती तालियां सब मिलकर यह संदेश दे रही थीं कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण का सबसे सशक्त माध्यम है। 

इस अवसर पर विजय कुमार गुप्त, वासिफ़ खान, राजीव राय, राजेश गुप्ता, पवन अग्रवाल, कमल मेहरोत्रा, राममोहन गुप्त, मुकेश सक्सेना, आशू गुप्ता, कुमकुम गुप्ता, दीपाली गुप्ता, प्रधानाचार्या भारती जायसवाल, हेमलता बडोला, प्रतिमा पाण्डेय सहित विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाएं, कोच, खिलाड़ी बालिकाएं तथा बड़ी संख्या में खेलप्रेमी उपस्थित रहे। कुलमिलाकर खेल के हर स्मैश में अनुशासन का संदेश था, हर रैली में आत्मविश्वास और हर अंक में समर्पण की चमक। यह टूर्नामेंट केवल प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं, बल्कि प्रेरणा का वह दीप है जो आने वाली पीढ़ियों को निरंतर नयी उड़ान देता रहेगा।

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