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सोमवार, 17 नवंबर 2025

प्रिंट मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकारी विज्ञापनों के लिए संशोधित दर संरचना को मंजूरी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रिंट मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकारी विज्ञापनों के लिए संशोधित दर संरचना को मंजूरी दी

प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों की दरों में 26% वृद्धि की घोषणा की और रंगीन विज्ञापनों के लिए प्रीमियम की शुरुआत की

नई दिल्ली, 17 नवंबर : सरकार ने विज्ञापन दरों में 26% की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। प्रिंट मीडिया के लिए प्रति वर्ग सेमी, दैनिक समाचार पत्रों की एक लाख प्रतियों के लिए श्वेत-श्याम विज्ञापन की दरें 47.40 रुपये से बढ़ाकर 59.68 रुपये कर दी गई हैं, जो 26% की वृद्धि है। सरकार ने रंगीन विज्ञापनों के लिए प्रीमियम दरों और तरजीही स्थिति से संबंधित समिति की सिफारिशों पर भी सहमति व्यक्त की है।

केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत एक नोडल मीडिया इकाई है जो भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की ओर से विभिन्न मीडिया माध्यमों, जिनमें प्रिंट मीडिया भी शामिल है, के माध्यम से प्रचार अभियान चलाती है। इस उद्देश्य के लिए सीबीसी के साथ पैनलबद्ध, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन जारी करने की दरों को मंत्रालय द्वारा अंतिम बार 09.01.2019 को 8वीं दर संरचना समिति (आरएससी) की सिफारिशों के आधार पर संशोधित किया गया था, जो तीन वर्षों की अवधि के लिए मान्य थीं।

समिति ने प्रिंट मीडिया की लागत का मूल्यांकन किया

प्रिंट मीडिया में सरकारी विज्ञापनों के लिए दरों में संशोधन के संबंध में सिफारिशें करने के लिए एएस एंड एफए (आई एंड बी) की अध्यक्षता में 9वीं दर संरचना समिति का गठन 11 नवंबर, 2021 को किया गया था।

समिति ने नवंबर, 2021 और अगस्त, 2023 के बीच अपनी कार्यवाही के दौरान, लघु, मध्यम और बड़े श्रेणी के समाचार पत्रों के विभिन्न समाचार पत्र संघों, जैसे इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी (आईएनएस), ऑल इंडिया स्मॉल न्यूजपेपर्स एसोसिएशन (एआईएसएनए), स्मॉल-मीडियम-बिग न्यूजपेपर्स सोसाइटी (एसएमबीएनएस) और अन्य हितधारकों के अभ्यावेदनों पर विचार किया। समिति ने प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों की दरों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मापदंडों पर भी विचार-विमर्श किया, जैसे कि न्यूजप्रिंट के संबंध में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति, मजदूरी, मुद्रास्फीति की दर, आयातित न्यूजप्रिंट की कीमतों का रुझान, प्रसंस्करण लागत, आदि। समिति ने 23 सितंबर, 2023 को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं।

राजस्व बढ़ाएँ और प्रिंट मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करें

प्रिंट मीडिया में सरकारी विज्ञापनों की दरें बढ़ाने से सरकार और मीडिया जगत, दोनों को कई महत्वपूर्ण लाभ होंगे। सरकारी विज्ञापनों की ऊँची दरें प्रिंट मीडिया को आवश्यक राजस्व सहायता प्रदान करेंगी, खासकर विभिन्न अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म्स से प्रतिस्पर्धा के दौर में और पिछले कुछ वर्षों में लागत में वृद्धि को देखते हुए। इससे संचालन को बनाए रखने, गुणवत्तापूर्ण पत्रकारिता बनाए रखने और स्थानीय समाचार पहलों को समर्थन देने में मदद मिल सकती है। वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देकर, प्रिंट मीडिया बेहतर सामग्री में निवेश कर सकता है, जिससे जनहित की सेवा अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगी।

विज्ञापन दरों में वृद्धि मीडिया उपभोग के व्यापक रुझानों के अनुरूप हो सकती है। विविध मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र में प्रिंट मीडिया के महत्व को पहचानकर, सरकार अपनी संचार रणनीतियों को बेहतर ढंग से लक्षित कर सकती है, और यह सुनिश्चित कर सकती है कि वे विभिन्न प्लेटफार्मों पर नागरिकों तक प्रभावी ढंग से पहुँचें। 

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