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सोमवार, 17 नवंबर 2025

हरित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीजीएसटी 2025) का नाईपर मोहाली में शुभारंभ



भारत के पहले हरित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का तृतीय संस्करण नाईपर, मोहाली में शुरू

मलेशिया के सनवे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लॉन्ग चियाउ मिंग ने कैंसर दवा खोज के लिए वर्चुअल स्क्रीनिंग–मशीन लर्निंग आधारित अभिनव ढांचा किया प्रस्तुत

भारत के पहले फार्मा संस्थान नाईपर मोहाली की स्थापना वैश्विक-स्तरीय उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की: प्रो. दुलाल पांडा, नाईपर, मोहाली के निदेशक

मोहाली/चंडीगढ़, 17 नवंबर 2025: दो दिवसीय हरित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2025 (आईसीजीएसटी -2025) का शुभारंभ आज नाईपर मोहाली में हुआ, जिसका समापन 18 नवंबर 2025 को होगा। यह आयोजन शिज़ुओका विश्वविद्यालय (जापान), यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी मलेशिया (यूटीएम मलेशिया), यूपीएम मलेशिया और गदजाह माडा विश्वविद्यालय (इंडोनेशिया) के सहयोग से किया जा रहा है। ग्रैन्यूल्स इंडिया लिमिटेड इस सम्मेलन में प्रायोजक साझेदार के रूप में शामिल है।

उद्घाटन सत्र में प्रो. दुलाल पांडा ने FtsZ (एफटीएसजेड)-आधारित एंटीबैक्टीरियल एजेंट्स की खोज में अवसरों और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की।

प्रो. नोबुयुकी मासे, शिज़ुओका विश्वविद्यालय, जापान ने आईसीजीएसटी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए 2021 में आयोजित पहले ऑनलाइन सम्मेलन और 2023 में यूटीएम कुआलालंपुर में हुए दूसरे सम्मेलन का उल्लेख किया। उन्होंने फाइन-बबल और फ्लो टेक्नोलॉजी का उपयोग कर विकसित किए जा रहे नए पादप हार्मोनों पर भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं।

प्रो. लॉन्ग चिआउ मिंग, सनवे विश्वविद्यालय, मलेशिया ने कैंसर से संबंधित दवा खोज के लिए वर्चुअल स्क्रीनिंग और मशीन लर्निंग  को एकीकृत करने वाला अभिनव फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया। प्रो. हेशाम अली अल एनशासी, यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी मलेशिया (यूटीएम) ने एंटीबायोटिक प्रतिरोध को कम करने के उद्देश्य से प्राकृतिक संक्रमणरोधी अनुसंधान में हाल की प्रगति पर प्रकाश डाला।

प्रो. इंदर पाल सिंह, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी, आईसीजीएसटी -2025 ने कहा कि आईसीजीएसटी की यात्रा बेहद प्रेरणादायी रही है और इसमें निरंतर अधिक देशों की भागीदारी जुड़ रही है। उन्होंने बताया कि यह विविध भागीदारी अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भावना को दर्शाती है, जिसमें 100  से अधिक प्रतिभागी, 33 पोस्टर प्रस्तुतियाँ, 9 मौखिक प्रस्तुतियाँ, 14 आमंत्रित तथा आठ मुख्य वक्ता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन नवाचारों और उभरते शोध को साझा करने का एक जीवंत मंच है।

नाईपर, मोहाली के निदेशक एवं आईसीजीएसटी 2025 के अध्यक्ष, प्रो. दुलाल पांडा ने अपने स्वागत भाषण  में सभी का स्वागत करते हुए कहा की यह उनके लिए गौरव और हर्ष का विषय है। उन्होंने बताया कि नाईपर -मोहाली देश का पहला फार्मा संस्थान है, जिसे विश्व-स्तरीय फार्मा संस्थान स्थापित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संस्थान फार्मा के सभी क्षेत्रों में मास्टर्स तथा पीएचडी की उपाधियाँ प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट प्रतिदिन बढ़ रहा है और अब हमें इसकी स्थिरता पर गंभीरता से विचार करना होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन नए विचारों को जन्म देगा और नई अवधारणाओं को आकार देगा।

प्रो. इप्सिता रॉय, डीन (कार्यवाहक), नाईपर, मोहाली ने अपने संबोधन में कहा कि सस्टेनेबिलिटी अब केवल एक प्रचलित शब्द नहीं रह गया है, बल्कि इसका वास्तविक जीवन में गहरा महत्व है। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबिलिटी का ज्ञान युवाओं के लिए एक बुनियादी आवश्यकता है, जो उनके प्रयोगों में भी स्थिरता की भावना को विकसित करेगा।

समारोह का समापन आईसीजीएसटी 2025 के आयोजन सचिव, डॉ. अरविन्द के. बंसल द्वारा आभार व्यक्त के साथ किया गया।

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