🔘 प्रदेशस्तरीय वरिष्ठ पत्रकार एल.एन. सिंह की निर्मम हत्या पर लखीमपुर में शोक सभा
लखीमपुर खीरी। शब्दों की सच्चाई को आवाज़ देने वाले, जनवाणी के सिपाही और निर्भीक कलम के प्रतीक प्रदेशस्तरीय वरिष्ठ पत्रकार स्व. एल.एन. सिंह की निर्मम हत्या ने पत्रकारिता जगत को झकझोर दिया है। इस अमानवीय घटना से व्यथित लखीमपुर के पत्रकारों ने दैनिक जनजागरण न्यूज कार्यालय में शोक सभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
शोक सभा में उपस्थित पत्रकारों ने गहन दुख व्यक्त करते हुए कहा कि एल.एन. सिंह जैसे पत्रकार केवल खबरें नहीं लिखते थे, बल्कि समाज की नब्ज़ को महसूस कर जनता की आवाज़ बनते थे। बताया गया कि स्वर्गीय सिंह कई प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनलों से जुड़े रहे और दैनिक जनजागरण न्यूज के प्रयागराज रिपोर्टर के रूप में सक्रिय पत्रकारिता करते हुए सत्य की अलख जगाते रहे।
उनकी पत्रकारिता के प्रति निष्ठा और समर्पण को देखते हुए उन्हें जनजागरण संवाद सारथी सम्मान से नवाज़ा गया था। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों प्रयागराज सिविल लाइन क्षेत्र के पॉश इलाके में दिनदहाड़े उनकी निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हृदयविदारक घटना से उत्तर प्रदेश का संपूर्ण पत्रकार समुदाय शोक-सागर में डूब गया। हालांकि प्रयागराज पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कुछ ही घंटों में मुख्य आरोपी को हाफ एनकाउंटर के दौरान गिरफ्तार कर लिया, परंतु इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। शोक सभा में आरएसएस इतिहास संकलन समिति के विभाग संयोजक ने पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की और शासन-प्रशासन से पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की। जनजागरण संपादक अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि "श्रद्धेय एल.एन. सिंह की कलम सदैव जनहित में चली, उनका जाना जनजागरण न्यूज परिवार के लिए अपूर्णीय क्षति है।" वहीं लखनऊ सुपरफास्ट के प्रदेश प्रभारी सर्वेश शुक्ला ने पत्रकारों की असुरक्षा पर गंभीर चिंता जताई। दैनिक राष्ट्रीय स्वरूप के चंद्रशेखर शुक्ला और मंडल केसरी के अनिल गुप्ता ‘अरविंद’ ने भी श्रद्धांजलि देते हुए पत्रकारिता जगत की इस क्षति को अपूरणीय बताया। उधर दैनिक संज्ञान दृष्टि के स्पर्श सिन्हा ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “एल.एन. सिंह जैसे पत्रकार समाज के लिए आदर्श थे, उनका जाना पत्रकारिता के एक युग का अंत है।” सभा के अंत में मौन रखकर श्रद्धेय एल.एन. सिंह की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई और यह संकल्प लिया गया कि सच्चाई की लौ को कभी मंद नहीं पड़ने दिया जाएगा क्योंकि यही उनके जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा थी।
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