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मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

‘मुस्तफाबाद’ अब कहलाएगा ‘कबीरधाम’, राष्ट्रभक्ति, स्वदेशी चेतना और विरासत सम्मान का संदेश लेकर खीरी पहुँचे सीएम योगी

‘मुस्तफाबाद’ अब कहलाएगा ‘कबीरधाम’, राष्ट्रभक्ति, स्वदेशी चेतना और विरासत सम्मान का संदेश लेकर खीरी पहुँचे सीएम योगी

लखीमपुर खीरी, 27 अक्टूबर। सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना और राष्ट्रीय चेतना के उद्गम का प्रतीक बना विश्व कल्याण आश्रम, मुस्तफाबाद सोमवार को इतिहास के स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी नई पहचान ‘कबीरधाम’ के रूप में घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने संत कबीरदास की वाणी से प्रेरणा लेते हुए कहा सेक्युलरिज्म के नाम पर पहचान मिटाने का दौर अब समाप्त हुआ। अब हर धाम, हर मठ, हर संस्कृति अपने गौरव के साथ जगमगाएगी। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के ‘सेक्युलरवाद’ को पाखंड बताते हुए कहा कि पहले की सरकारें आस्था के स्थलों की उपेक्षा कर कब्रिस्तानों की बाउंड्री तक सीमित थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में धर्म, संस्कृति और विकास तीनों का समन्वय स्थापित हुआ है। कबीरधाम आश्रम में उपस्थित संत समाज को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संत कबीरदास जी ने उस युग में समाज की विषमताओं को तोड़कर ‘एकता और मानवता’ का संदेश दिया था। जाति-पाति पूछे न कोई, हरि को भजे सो हरि का होई” यह वाणी आज भी हमारी एकता की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि संतों की शिक्षाएँ आज भी समाज को दिशा दिखा रही हैं, और वही भारत की आत्मा की सबसे सशक्त धारा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की एकता को तोड़ने वाली शक्तियों से सावधान रहना होगा। जो भारत की एकता को तोड़ता है, वह इसकी आत्मा पर प्रहार करता है।”
उन्होंने कहा कि “माता भूमि पुत्रोहम्” यह वाक्य केवल श्लोक नहीं, बल्कि भारतवर्ष की चेतना है। भूमि हमारी माता है, उसकी सेवा ही सच्ची उपासना है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए परिवर्तन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि 2014 से पूर्व भारत पहचान के संकट में था, लेकिन आज यह विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और शीघ्र ही तीसरी बनकर उभरेगा। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में धर्मस्थलों के पुनरुद्धार ने आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों को सशक्त किया है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में मेडिकल कॉलेज बन चुका है, एयरपोर्ट का विस्तार शीघ्र होगा, और ईको-टूरिज्म जिले को नई पहचान देगा। मुख्यमंत्री ने युवाओं और किसानों से अपील की कि वे रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाएं। एक गाय तीस एकड़ भूमि के लिए पर्याप्त जैविक खाद देती है, यह भूमि और जीवन दोनों के लिए वरदान है।” उन्होंने कहा कि नशा विनाश का मार्ग है यह विदेशी ताकतों की साजिश है, जिससे युवाओं को बचाना होगा। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने संत असंगदेव जी महाराज को नमन करते हुए ‘स्मृति प्राकट्योत्सव मेला–2025’ की शुभकामनाएँ दीं और छठ महापर्व के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों के उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की। इस अवसर पर प्रदेश के मंत्री राकेश सचान, नितिन अग्रवाल, मन्नूलाल कोरी, विधायक अमन गिरी, रोमी साहनी, लोकेंद्र प्रताप सिंह, शशांक वर्मा, योगेश वर्मा, मंजू त्यागी, सौरभ सिंह सोनू, अनूप गुप्ता, विनोद शंकर अवस्थी, महामंडलेश्वर प्रवक्तानंद, क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा, तथा भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह सहित असंख्य संत, श्रद्धालु और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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