जम्मू, 30 अक्टूबर 2025। उत्तर रेलवे के जम्मू मंडल ने आज नवाचार, पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। मंडल के बनिहाल, अनंतनाग, श्रीनगर, संगलदान, बड़गाम और बारामूला सहित विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर मल्टीपर्पस स्टॉल (एमपीएस) स्थापित करने के अनुबंध सफल बोलीदाताओं को ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित किए गए। यह पहल न केवल रेलवे की गैर-किराया राजस्व वृद्धि की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि यात्रियों की सुविधाओं के विस्तार और स्थानीय रोजगार सृजन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस पारदर्शी ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से मंडल ने कुल ₹79,43,858 की राजस्व राशि अर्जित की है। इसके अतिरिक्त, गाड़ी संख्या 12414 के एसएलआर को तीन वर्षों के लिए ₹1,08,57,789 की राशि से अनुबंधित किया गया जो इस अभियान की ऐतिहासिक उपलब्धि कही जा सकती है। इन स्टॉलों पर यात्रियों को दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएँ, दवाइयाँ, कॉस्मेटिक सामग्री, खिलौने, किताबें, अख़बार, बच्चों के उपयोग की वस्तुएँ और अन्य उपयोगी उत्पाद एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे। यह कदम रेलवे की “यात्री-केंद्रित विकास नीति” को और सशक्त करेगा।
मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक उचित सिंघल ने बताया “स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देते हुए गैर-किराया राजस्व में वृद्धि करना हमारे दोहरे लक्ष्य वित्तीय स्थिरता और सांस्कृतिक एकीकरण से जुड़ा हुआ है। हमें विश्वास है कि यह पहल यात्रियों के अनुभव को समृद्ध करेगी और अन्य मंडलों के लिए एक प्रेरक उदाहरण बनेगी।” उन्होंने आगे कहा कि “मंडल के गहन विपणन प्रयासों के परिणामस्वरूप, गाड़ी संख्या 12414 के एसएलआर को सफलतापूर्वक अनुबंध पर दिया गया है, जो रेलवे के राजस्व सृजन की दिशा में अभूतपूर्व उपलब्धि है।” यह पहली बार है जब जम्मू मंडल के नौ स्टेशनों पर एक साथ मल्टीपर्पस स्टॉल आवंटित किए गए हैं। यह पहल रेलवे की उन योजनाओं का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य रेल संपत्तियों का प्रभावी उपयोग, स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहन और क्षेत्रीय कला-संस्कृति का संरक्षण है।
इस नवाचारमय कदम ने जम्मू मंडल को भारतीय रेलवे की आर्थिक आत्मनिर्भरता के अभियान में अग्रणी स्थान पर ला खड़ा किया है जहाँ रेल की पटरियाँ अब केवल यात्राओं की नहीं, बल्कि विकास की दिशा तय कर रही हैं।
दैनिक जनजागरण न्यूज, 8800127319
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