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बुधवार, 8 अक्टूबर 2025

भविष्य की चौखट पर खड़ी परीक्षा में निष्पक्षता ही सबसे बड़ा संकल्प : डीएम खीरी

लखीमपुर खीरी, 08 अक्तूबर। ज्ञान और कर्म की धरती पर 12 अक्तूबर को होने वाली पीसीएस, एसीएफ व आरएफओ प्रारंभिक परीक्षा केवल एक प्रतियोगी परीक्षा नहीं, बल्कि 10,080 अभ्यर्थियों के सपनों और संघर्षों की कसौटी है। इन सपनों को सुरक्षित और निष्पक्ष पंख देने के लिए आज गुरु नानक इंटर कॉलेज सभागार में कक्ष निरीक्षकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।

बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने की। उनका संदेश सीधा और गहन था “आप सब इस परीक्षा की रीढ़ हैं, आपकी सतर्कता ही अभ्यर्थियों के भविष्य की रक्षा करेगी। छोटी सी भी चूक अक्षम्य होगी।”

उनके शब्दों में केवल आदेश नहीं, बल्कि एक नैतिक आह्वान था कि हर निरीक्षक इस दायित्व को मात्र सरकारी कार्य नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की सेवा समझकर निभाए।

एडीएम (न्यायिक) अनिल कुमार रस्तोगी ने विस्तार से कक्ष निरीक्षकों को दिशा-निर्देश दिए। प्रश्न पत्रों की सीलिंग से लेकर उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन तक, हर प्रक्रिया को शुचिता और समयपालन से निभाने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा “निष्पक्षता ही परीक्षा का प्राण है, सतर्कता ही इसकी आत्मा।”

आयोग के समन्वयी पर्यवेक्षक ने भी भावनात्मक रूप से कहा कि निरीक्षक केवल निगरानीकर्ता नहीं, बल्कि परीक्षा की पारदर्शिता के प्रहरी हैं।

बैठक में प्रशिक्षु आईएएस मनीष धारवे, डीआईओएस विनोद कुमार मिश्रा सहित बड़ी संख्या में निरीक्षक उपस्थित रहे और सबने एक स्वर में इस परीक्षा को शुचिता और निष्पक्षता से सम्पन्न कराने का संकल्प लिया।

 12 अक्तूबर को जब 24 परीक्षा केंद्रों पर हजारों युवाओं की आंखों में उम्मीदों के दीप जलेंगे, तब निरीक्षकों की ईमानदारी और जिम्मेदारी ही उन दीपों को बुझने नहीं देगी। यही संकल्प, यही प्रेरणा लखीमपुर खीरी की परीक्षा व्यवस्था को एक आदर्श बना देगी। 

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