Breaking

बुधवार, 8 अक्टूबर 2025

खेल का मैदान बना सपनों की उड़ान, 74वीं जनपदीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता का हुआ आगाज़

लखीमपुर खीरी, 08 अक्तूबर। उत्साह और उमंग से भरे कदमों की गूंज जब जीआईसी मैदान में प्रतिध्वनित हुई, तो मानो धरती भी बच्चों के सपनों की ताल पर झूम उठी। तीन दिवसीय 74वीं जनपदीय माध्यमिक विद्यालयीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ आज गरिमामयी माहौल में जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने किया।

माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ आरम्भ हुई इस खेल यात्रा ने जैसे ही रंग भरे, आकाश में उड़े तिरंगे गुब्बारे और शांति के कबूतर बच्चों की उज्ज्वल उड़ान का प्रतीक बन गए। डीएम ने मार्च पास्ट की सलामी लेकर खिलाड़ियों में जोश और गर्व का संचार किया।

 “खेल ही सिखाते हैं जीवन का अनुशासन और संघर्ष का सही अर्थ।” अपने प्रेरक संबोधन में डीएम ने कहा कि खेल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास का सबसे सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा “जीतने पर अहंकार न करें और हारने पर ईर्ष्या का भाव न रखें। असली खिलाड़ी वही है, जो हर अनुभव से सीख लेकर आगे बढ़ता है।”

डीआईओएस विनोद कुमार मिश्र ने भी खिलाड़ियों से अनुशासन और खेल भावना को सर्वोपरि रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता का वास्तविक आनंद केवल स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और टीम भावना से ही मिलता है।

जीआईसी प्रधानाचार्य डॉ. जगत प्रकाश सिंह ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में सफल खिलाड़ी आगामी मण्डलीय खेलों में जनपद का प्रतिनिधित्व करेंगे।

कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षु आईएएस मनीषा धार्वे, प्रधानाचार्य डॉ. ईशविंदर सिंह, सीमा टंडन, शालिनी दुबे सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

 जीआईसी मैदान की गूंजते कदमों और लहराते तिरंगे गुब्बारों ने यह संदेश दिया कि खेल केवल जीत-हार का नहीं, बल्कि अनुशासन, साहस और एकता का पर्व है। यह वही मैदान है, जहाँ आज के नन्हे खिलाड़ी कल के अंतर्राष्ट्रीय सितारे बनकर देश का नाम रोशन करेंगे। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Comments