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शनिवार, 4 अक्टूबर 2025

सैदपुर की धरती पर लाइव दिखा पहलगाम हमला व ऑपरेशन सिंदूर, स्वर्ण जड़ित मन्दिर देख चकित रहे श्रद्धालु

सैदपुर की धरती पर लाइव दिखा पहलगाम हमला व ऑपरेशन सिंदूर, स्वर्ण जड़ित मन्दिर देख चकित रहे श्रद्धालु

सैदपुर बीते दिनों कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया में चर्चित होने वाले ऑपरेशन सिंदूर का नमूना सैदपुर में भी दिखा। साथ ही आतंकियों की बर्बरता को भी झांकी के माध्यम से दिखाया गया। ये झांकी सैदपुर में दुर्गा पूजा पंडाल पर दिखाई गई, जिसे देखकर हर कोई रुककर फोटो जरूर ले रहा था। इसके अलावा केदार नाथ मंदिर, स्वर्ण जड़ित मन्दिर, कामाख्या मंदिर, कश्मीर का लाल चौक, 5 मंजिला पंडाल, प्राचीन गुफा में बना पंडाल आदि आकर्षण के विशेष केंद्र रहे। दुर्गा पूजा पर्व पर सैदपुर स्थित मुख्य बाजार में प्रतिवर्ष अपनी अनोखी झांकी के लिए प्रख्यात बाल गोपाल परिषद द्वारा इस बार दुर्गा पूजा में पंडाल को जहां गहमर के कामाख्या मन्दिर का रूप देकर भव्य सजावट की गई थी, वहीं बगल में पहलगाम हमले की जीवंत झांकी सजाई गई थी। झांकी में मौजूद पुतलों को देखकर ऐसा लग रहा था कि घटना को आंखों से देखा जा रहा हो। इसके बाद सड़क के ऊपर कई फीट लम्बा हवाई जहाज बनाकर उसे आतिशबाजी के जरिये चलाकर ऑपरेशन सिंदूर की भी झांकी निकाली जा रही थी। इन्हें देखकर वहां से गुजरने वाले लोग तस्वीर लेने पर विवश हो जा रहे थे। इसके अलावा नगर पंचायत परिसर में जय माँ दुर्गा पूजा समिति द्वारा बने पंडाल को स्वर्णजड़ित मन्दिर का प्रतिरूप दिया गया था। बाहर से आये कलाकारों द्वारा कई दिनों की मेहनत के बाद पंडाल को ऐसा बनाया गया था, जैसे पूरा पंडाल सोने के पत्रों से जड़ा हुआ हो। अंदर प्रतिमा बेहद मनमोहक स्थापित की गई थी, जैसे अभी बोल उठेंगी। वहीं रौजा द्वार में आदिशक्ति दुर्गा पूजा समिति द्वारा उत्तराखंड के केदारनाथ धाम का प्रतिरूप बनाया गया था। जिसमें स्थापित प्रतिमा बेहद आकर्षक रही। बाहर केदारनाथ मंदिर के अंदर के शिवलिंग व नंदी का भी प्रतिरूप बनाया गया था। पूरब बाजार में 5 मंजिला मन्दिर की तर्ज पर पंडाल बनाकर प्रतिमा स्थापित की गई थी। वहीं पक्का घाट पर पंडाल के रूप में कश्मीर के लाल चौक का प्रतिरूप बनाया गया था, जिसे लोगों ने खूब सराहा। बाजार स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्केट में पंडाल के रूप में प्राचीन गुफा का निर्माण किया गया था, जहां सबसे ऊपर विशाल शिवलिंग स्थापित था और बाहर विशालकाय नंदी की प्रतिमा थी। इस पंडाल की खासियत ये रही कि अंदर की सभी दीवारों को मिट्टी से बनाकर तिरछा करके हफ्तों की मेहनत के बाद उन पर प्राकृतिक घास उगाई गयी थी, जिसे देखकर लोग हैरान हो रहे थे। नई सड़क त्रिमुहानी स्थित पंडाल में इतनी आकर्षक प्रतिमा बनाई गई थी, जैसे प्रतिमाएं अभी बोल उठेंगी। इसके अलावा अंदर अयोध्या मन्दिर में स्थापित रामलला की प्रतिमा का ऐसा हूबहू प्रतिरूप बनाया गया था, जिसे देखकर हर कोई ये समझ बैठे कि वो कहीं और नहीं बल्कि अयोध्या के रामलला का दर्शन कर रहा हो। इन पंडालों पर दर्शन पूजन करने के लिए बुधवार की देररात तक श्रद्धालु सड़कों पर दिखते रहे। वहीं पूर्णाहुति के लिए रात में ही सभी पंडालों पर हवन शुरू कर दिया गया और गुरुवार की भोर 5 बजे तक चला। पूर्णाहुति के बाद प्रतिमाओं को अपनी जगह से थोड़ा हटाकर सभी पंडाल विसर्जन की तैयारी में जुट गए।

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