केंद्र ने गुजरात और हरियाणा के पंचायतों को दिए ₹730 करोड़ से अधिक, सशक्त हुए ग्रामीण विकास के स्तंभ”
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर। भारत के ग्राम्य जीवन में नई चेतना और सशक्तिकरण का संचार करते हुए केंद्र सरकार ने गुजरात और हरियाणा के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत ₹730 करोड़ से अधिक की राशि जारी की है। यह अनुदान न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के उस संकल्प की पुष्टि भी है, जो गाँव की चौपाल से लेकर पंचायत भवन तक गूंज रहा है।
गुजरात के 38 ज़िला पंचायतों, 247 ब्लॉक पंचायतों और 14,547 ग्राम पंचायतों को ₹522.20 करोड़ की असंबद्ध अनुदान की दूसरी किस्त जारी की गई है। इसके साथ ही ₹13.59 करोड़ की रोकी गई राशि भी पात्र पंचायतों को सौंप दी गई है। वहीं, हरियाणा के 18 ज़िला पंचायतों, 134 ब्लॉक पंचायतों और 6,164 ग्राम पंचायतों को ₹195.12 करोड़ की पहली किस्त के रूप में मुक्त अनुदान प्रदान किया गया है।
यह अनुदान ग्रामीण भारत के विकास की धारा को और प्रवाहमान करेगा जहाँ स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसी योजनाएँ ग्रामीण जनजीवन को नई दिशा देंगी। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन निधियों का उपयोग स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाएगा, ताकि पंचायतें अपने क्षेत्र की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार विकास कार्यों को गति दे सकें।
भारत सरकार का यह कदम ‘गांव की ओर विकास’ की उस नीति का प्रत्यक्ष रूप है, जहाँ सशक्त पंचायतें ही सशक्त राष्ट्र की आधारशिला बनती हैं। यह केवल धनराशि नहीं, बल्कि ग्रामोदय से राष्ट्रोदय की एक सजीव गाथा है।
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