Breaking

बुधवार, 10 सितंबर 2025

Lmp. खीरी कलेक्ट्रेट के द्वार पर कल "गुरु-अस्मिता" देगी दस्तक

लखीमपुर, 10 सितम्बर। बेसिक शिक्षा की जड़ों को सींचने वाले अनुभवी शिक्षकों के सम्मान की चिंता अब आंदोलन का स्वर ले चुकी है। उत्तर-प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, लखीमपुर-खीरी की जिला इकाई ने न्यायालय के ताज़ा निर्णय पर गहरी मंथन-चिंता व्यक्त करते हुए स्पष्ट कहा है कि "सम्मान की रक्षा ही शिक्षा की रक्षा है।"

संघ के जिलाध्यक्ष विनोद मिश्रा और जिला महामंत्री संतोष भार्गव के नेतृत्व में 11 सितम्बर 2025 को अपराह्न 3 बजे कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी महोदया को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस ज्ञापन के माध्यम से संघ प्रधानमंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री को संबोधित अपनी पीड़ा और अपेक्षाएँ प्रेषित करेगा। संघ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 1 सितम्बर 2025 के निर्णय का वे सम्मान करते हैं, किंतु दशकों से विद्यालयों में निष्ठा, तप और सेवा से शिक्षा की लौ जलाने वाले शिक्षकों के हितों पर संभावित चोट उनकी आत्मा को विचलित करती है। यही कारण है कि शिक्षक समाज अब संवाद, समन्वय और विधिक मार्गों से अपने अस्तित्व और गरिमा की रक्षा के लिए आगे बढ़ेगा। जिलाध्यक्ष विनोद मिश्रा और महामंत्री संतोष भार्गव ने समस्त शिक्षकों से आह्वान किया है कि वे अधिकतम संख्या में पहुंचकर यह संदेश दें कि "शिक्षक केवल कक्षा का दीपक ही नहीं, समाज की आत्मा का संरक्षक है।" लखीमपुर-खीरी की यह आवाज़ कल 11 सितम्बर को जब जिलाधिकारी के समक्ष गूंजेगी, तो यह सिर्फ एक ज्ञापन न होगा यह उन असंख्य गुरुओं की अस्मिता का संकल्प होगा जिन्होंने जीवन भर शिक्षा के पथ को प्रकाशवान किया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Comments