सीएम डैशबोर्ड दर्पण पर डीएम ने ली सभी जिम्मेदार विभागों की बैठक, 5 साल पुराने मुकदमों को प्रतिदिन सुनने का निर्देश
गाजीपुर स्थानीय कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को सीएम डैशबोर्ड दर्पण पर कर-करेत्तर व मासिक स्टाफ बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान कर-करेत्तर की समीक्षा में जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने परिवहन, वन विभाग, स्टाम्प, नगर पालिका, आडिट आपत्ति, चकबन्दी, व्यापार कर, विद्युत देय, आबकारी, अंश निर्धारण, मोटर देय, आईजीआरएस आदि के संबंध मे विस्तारपूर्वक समीक्षा की। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों का निर्देशित किया कि अपने-अपने लक्ष्य के सापेक्ष वसूली कराना सुनिश्चित करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। आईजीआरएस की समीक्षा के दौरान समस्त उपलिधिकारी एवं तहसीलदारों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी शिकायत का निस्तारण निश्चित समयान्तराल में शिकायतकर्ता से वार्ता कर किया जाए, अन्यथा निस्तारण न होने के कारण तत्काल विभागीय कार्यवाही की जाएगी तथा डिफाल्टर होने पर की दशा में अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे। राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में लंबित प्रकरण एवं विवादित प्रकरण, दाखिल खारिज, विवादित वादों का निस्तारण करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार व अन्य संबंधित राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व कार्यों में सभी अधिकारियों द्वारा सरकार की मंशा के अनुरूप चलाए जा रहे प्रत्येक कार्यक्रम में तत्परता दिखाते हुए कार्यों का संपादन किया जाना सुनिश्चित करें, ताकि सरकार की राजस्व योजनाओं का लाभ जनसामान्य को आसानी के साथ प्राप्त हो सके। निर्देश दिया कि समस्त अधिकारी राजस्व वसूली का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर करते हुए डिमांड के अनुसार वसूली सुनिश्चित करें। इसके बाद सभी उपजिलाधिकारियों को 5 वर्ष से ऊपर के मुकदमों को प्रतिदिन सुनने के निर्देश दिए। कहा कि धारा 24, धारा 116, धारा 80, धारा 34, धारा 33, धारा 67 के लंबित मामलों का समयान्तराल निस्तारण किया जाए। धारा 34 की सुनवाई और निष्पादन में तहसीलदार और नायब तहसीलदार गंभीरता से कार्य करें और उपजिलाधिकारी इसकी नियमित समीक्षा भी करें। उन्होने सीमा स्तम्भ, कृषि भूमि पट्टा, आवास हेतु भूमि आवंटन, कुम्हारी कलां पट्टा आवंटन, अंश निर्धारण एवं अंश संशोधन की प्रगति की समीक्षा करने का आवश्यक निर्देश दिया। इस मौके पर सीआरओ आयुष चौधरी आदि रहे।
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