प्रयागराज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय राजयोग शिविर के पहले दिन का उद्घाटन भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ब्रह्मकुमारीज के मुख्य सेवा केंद्र सद्भभावना भवन में किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय प्रख्यात काउंसलर प्रोफेसर ई वी गिरीश ने बताया कि अध्यात्म का शाब्दिक अर्थ है आत्मा पर आधारित। आत्मा ही हमारी सत्य पहचान है,आज हम सभी दैहिक आधार पर अपनी बाहरी पहचान बनाए हुए हैं । नाम, रूप व्यवसाय, धन संपत्ति को पहचान बनाकर हम जीवन जीते हैं परंतु इससे जीवन में संतुष्टता एवं भरपूरता का अनुभव नहीं करते और हमेशा तनाव में जीते रहते हैं। इसके अतिरिक्त जब हम अपनी सत्य पहचान को जानकर, समझकर और उसके आधार पर जीवन जीते हैं तो हम संतुष्ट रहते हैं एवं हमसे हमारे आसपास के सभी लोग संतुष्ट रहते हैं और हम एक बेहतर समाज का निर्माण करते हैं। इसके लिए राजयोग का ज्ञान एवं अभ्यास बहुत ही उपयोगी है जो कि ब्रह्माकुमारीज में निःशुल्क सिखाया जाता है और सभी को इसे जरूर ही सीखना चाहिए। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, महापौर गणेश चंद्र केसरवानी, महारानी चाय के डायरेक्टर प्रमोद बंसल एवं शहर के अन्य गणमान्यजनों सहित सैकड़ो की संख्या में लोगों ने पहुंचकर शिविर का फायदा उठाया।
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