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गुरुवार, 7 अगस्त 2025

गंगा में बढ़ाव रूका लेकिन उत्तराखंड में बादल फटने से लोगों में खौफ, 78 की बाढ़ की जता रहे आशंका

गंगा में बढ़ाव रूका लेकिन उत्तराखंड में बादल फटने से लोगों में खौफ, 78 की बाढ़ की जता रहे आशंका, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बाढ़ग्रस्त गांवों का किया दौरा

सैदपुर गंगा व गोमती नदियों में कई दिनों के विनाशकारी बाढ़ के बाद मंगलवार की शाम से स्थिरता है। जिसके चलते लोगों ने थोड़ी चैन की सांस तो ली है लेकिन अब भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर से अधिक ऊपर बह रहा है। जिससे कई गांव पानी से घिर चुके हैं। जिसमें पटना, गौरहट आदि कई गांव शामिल हैं। सोमवार की शाम तक गंगा का जलस्तर 1 सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था लेकिन मंगलवार की शाम 4 बजे तक गंगा के जलस्तर में स्थिरता दर्ज की गई है। जिसके चलते अब गंगा 64.610 मीटर के विनाशकारी जलस्तर पर रूकी हुई हैं। वहीं प्रयागराज में दोपहर में गंगा नदी के जलस्तर में घटाव दर्ज किया गया लेकिन उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के बाद पूरे क्षेत्र के लोगों में इस बात का डर है कि कहीं गंगा में फिर से बढ़ाव न हो। क्योंकि अगर इस बार बढ़ाव शुरू हुआ तो अब तक के सबसे विनाशकारी 1978 की बाढ़ आने में समय नहीं लगेगा। क्योंकि 1978 के उस विनाशकारी जलस्तर 65.250 मीटर से गंगा सिर्फ आधे मीटर की दूरी पर हैं। ऐसे में लोग यही प्रार्थना कर रहे हैं कि गंगा उस विनाशकारी जलस्तर तक न पहुंचें। इधर बाढ़ पीड़ितों की मदद व बाढ़ का जायजा लेने के लिए मंगलवार को जॉइंट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर सब्बनवाड बाढ़ग्रस्त गांव पटना में पहुंचे और वहां की स्थिति का मुआयना कर ग्रामीणों से आवश्यक जानकारी लेते हुए उनकी समस्याएं जानीं। इस दौरान बाढ़ पीड़ितों ने अपनी समस्याएं बताईं। बताया कि गांव में शौचालय की समस्या है। हमारे घर पानी में डूबने से हम सभी को शौच जाने में समस्या हो रही है। जिसके बाद उन्होंने तत्काल नगर पंचायत के अस्थाई सचल शौचालय के वाहन को गांव में भेजा। वहीं पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या खड़ी होने पर गांव में बुधवार तक 100 कुंतल भूसा भेजने की भी बात कही। बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिये राहत सामग्री तहसील में आ गयी है। पैकिंग कराकर बुधवार से वितरण कराया जाएगा। इसके अलावा अपने स्तर से भोजन के पैकेट भी वितरित कराने की बात कही। ग्रामीणों से बताया कि सादीभादी में शरणालय बनाया गया है। ऐसे में अगर बाढ़ से प्रभावित होने के बाद कहीं अन्यत्र रहना चाहें तो वहां रह सकते हैं। वहीं सारी व्यवस्था कर दी गई है। वहां से वो सादीभादी, सिधौना, गोमती नदी की चपेट में आए खरौना, चौतरफा घिर चुके गौरहट व तेतारपुर गांव में भी पहुंचे। वहां का जायजा लेकर बुधवार को लंच पैकेट व राहत सामग्री वितरित कराने का भरोसा दिया। बताया कि आज पूरी रात कर्मचारी राहत सामग्रियों की पैकिंग करेंगे और बुधवार से उन्हें वितरित किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही राहत व्यवस्था तैयारियों का भी मुआयना किया और मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। कहा कि पीने का साफ पानी, खाद्य सामग्री, दवाईयां, हरा चारा आदि बाढ़ पीड़ितों तक हर हाल में पहुंचाएं।

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