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मंगलवार, 5 अगस्त 2025

1978 की भयावह बाढ़ से अब महज एक कदम पीछे हैं गंगा, पूरे क्षेत्र में लिया विनाशकारी रूप

1978 की भयावह बाढ़ से अब महज एक कदम पीछे हैं गंगा, पूरे क्षेत्र में लिया विनाशकारी रूप, गई गांव बाढ़ में घिरे

सैदपुर पूरे क्षेत्र में गंगा व गोमती नदी में आई बाढ़ खतरे का निशान पार करते हुए गांवों में भीषण तबाही मचा रही है। जिसके चलते गंगा व गोमती नदी की जद में दर्जनों गांव आ चुके हैं। इन गांवों में बाढ़ की स्थिति बेहद डरावनी हो गई है। जिससे ग्रामीणों का बुरा हाल है। गंगा नदी की जद में फुलवारी, सैदपुर सहित जौहरगंज, पटना, सिधौना, गोमती की जद में खरौना, तेतारपुर, गौरी, गौरहट आदि गांव आ गए हैं। इन गांवों के लोग या तो सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अस्थाई पलायन करने लगे हैं, या जिनके घर ऊंचाई पर हैं, वो घरों में ही कैद हो गए हैं। यहां तक की शौच के लिए भी लोग नाव से जा रहे हैं। हरे चारे जलमग्न हो गए हैं, जिससे पशु पालकों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। वहीं सैकड़ों बीघे में बोई गई सब्जियां, फसलें आदि बाढ़ में डूबकर बर्बाद हो चुकी हैं। जिसके बाद तहसीलदार हिमांशु सिंह बाढ़ग्रस्त गांव खरौना सहित गौरहट व तेतारपुर गांव में पहुंचे और वहां की स्थिति का मुआयना करते हुए ग्रामीणों से आवश्यक जानकारी लेते हुए उनकी समस्याएं जानीं। इसके बाद प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही राहत व्यवस्था तैयारियों का भी मुआयना किया और मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। कहा कि पीने का साफ पानी, खाद्य सामग्री, दवाईयां, हरा चारा आदि बाढ़ पीड़ितों तक हर हाल में पहुंचाएं। उन्होंने नाव से पूरे क्षेत्र का दौरा भी किया। बता दें कि सोमवार की शाम 6 बजे तक गंगा के जलस्तर में प्रतिघंटे 1 सेमी के बढ़ाव की स्थिति है और वो खतरे के निशान 63.105 मीटर से करीब 1 मीटर से अधिक ऊपर बहते हुए इस समय 64.450 मीटर पर बह रही है और अब तक उच्च जलस्तर 65.220 मीटर से एक मीटर से कम रह गई है। हालांकि अब तक सबसे भयावह माने जाने वाले 1978 की बाढ़ में गंगा का जलस्तर सर्वाधिक 65.250 मीटर तक पहुंच गया था। ऐसे में अब आशंका है कि कहीं गंगा की ये बाढ़ 1978 या 2013 की बाढ़ का रिकार्ड न तोड़ दे। क्योंकि उक्त निशान तक पहुंचने से गंगा अब एक मीटर से कम दूरी पर है। हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार की रात से गंगा का जलस्तर घटाव की तरफ आ सकता है। बता दें कि 2019 में गंगा का जलस्तर 64.530 मीटर तक पहुंचने के बाद उतरा था। वहीं 2021 में 64.680 मीटर तक पहुंचने के बाद, 2022 में 64.390 मीटर के बाद, 2023 में 61.700 मीटर पर पहुंचकर ही बाढ़ उतरने लगा था।

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