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रविवार, 20 जुलाई 2025

प्रयागराज में खतरे के निशान के करीब पहुंचा गंगा-यमुना का जलस्तर, बस्तियों में घुसा पानी, प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता

खतरे के निशान के करीब पहुंचा गंगा-यमुना का जलस्तर, बस्तियों में घुसा पानी, प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता

प्रयागराज गंगा और यमुना एक बार फिर उफान पर हैं। दोनों नदियों का जलस्तर 82 मीटर से ऊपर चला गया है और पानी कछार की बस्तियों के करीब तक पहुंच गया है। शनिवार तक बस्तियों में पानी घुसने की आशंका है। इसे देखते हुए प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। पिछले 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में एक मीटर की बढ़ोतरी हुई है।सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार नैनी में यमुना का जलस्तर 82.79 मीटर पहुंच गया। वहीं गंगा के जलस्तर में भी इसी अवधि में 70 सेमी की वृद्धि हुई है। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82.84 मीटर था। छतनाग में 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 131 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। इससे गंगा के कछारी इलाके में दबाव बढ़ गया है।ऐसे में छोटा बघाड़ा, सलोरी, नेवादा, अशोक नगर और बेली कछार में बस्ती के करीब तक पानी पहुंच गया है। शाम को ही छोटा बघाड़ा और अशोक नगर के निचले इलाके में सड़क पर गंगा की लहरें आने लगी थीं।सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार यमुना में प्रति घंटा पांच सेमी और गंगा में तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ोतरी जारी थी। ऐसे में इन इलाकों में रात में ही सड़कों तथा बस्तियों में पानी घुसने की आशंका बन गई है। गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा का पानी दशाश्वमेध घाट के मुख्य सड़क पर पहुंच गया है। इससे घाट पर तख्त लगाने वाले तीर्थ पुरोहित दूसरे स्थान पर शिफ्ट हो रहे हैं। गंगा का दबाव बढ़ने के बाद कछार के निचले इलाकों में नालियों से भी पानी ऊपर की तरफ चढ़ने लगा है। इससे जल्द सड़कों पर पानी आने की आशंका है। इसे देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने सामान समेटना भी शुरू कर दिया है। शिवकुटी के चिल्ला बस्ती की सड़कों पर पानी पहुंच गया है। इससे जल्द सड़कों के जलमग्न होने के साथ ही घरों में पानी घुसने की आशंका है। क्षेत्र के राहुल का कहना कि वे सामान समेटने लगे हैं ताकि पानी बढ़ने पर ऊपरी मंजिल पर शिफ्ट हो सकें।लोगों का कहना है कि निचले इलाके में पानी आ गया है। ऐसे में लोग सुरक्षित स्थान पर जाने की तैयारी करने लगे हैं।गंगानगर के सुंदरम कॉलोनी और बेली कछार में भी बस्ती के पास पानी पहुंच गया है। पार्षद भोला तिवारी का कहना है कि लोगों को सतर्क किया गया है। सामान समेटने के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। बेली के संजय एवं सुभाष का कहना है कि पानी घर के पास आ गया है। जरूरी सामान पहले मंजिल पर शिफ्ट कर दिए गया है। कई परिवारों की ओर से ज्यादा पानी आने पर महिलाओं एवं बच्चों को रिश्तेदार के घर या गांव भेजने की तैयारी की गई है। जबकि, परिवार के एक-दो सदस्य बाढ़ आने पर सामान देखने के लिए रुके रहेंगे।
बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन की ओर से तैयारी तेज कर दी गई है। आठ बाढ़ राहत शिविर सक्रिय कर दिए गए हैं। उनमें जरूरी इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं। शनिवार सुबह तक बस्तियों में पानी घुसने की आशंका है। ऐसे में बघाड़ा स्थित एनी बेसेंट स्कूल, न्याय मार्ग पर ऋषिकुल, छावनी गेस्ट हाउस में पूरी तैयारी की गई है।
एसडीएम सदर अभिषेक सिंह का कहना है कि जलस्तर में वृद्धि की यही रफ्तार रही तो सुबह तक पानी बस्तियों में आ जाएगा। इसे देखते हुए सभी इंतजाम किए गए हैं। नजदीक के टेंट हाउस में बिस्तर की आदि की बुकिंग की गई है। भोजन आदि की बुकिंग हो गई है। शिविर में लोगों के आने के बाद सभी जरूरी सामान उपलब्ध कराए जाएंगे।बाढ़ संभावित इलाकों के लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। छोटा बघाड़ा, अशोक नगर, शिवकुटी के चिल्ला बस्ती आदि क्षेत्रों में पहले पानी आने की आशंका है। अफसरों के अलावा सिविल डिफेंस की टीम ने इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया। साथ ही बस्तियों में पानी आने से पहले सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई। बाढ़ से राहत के लिए एनडीआरएफ की टीम भी लगातार भ्रमण कर रही है। नावें भी बुक की गई हैं। जरूरत पड़ने पर उन्हें भी लगाया जाएगा।

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