दिल्ली। अहमदाबाद विमान दुर्घटना को लेकर AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए, अमेरिकी अखबार 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने दावा किया है कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ा रहे फर्स्ट ऑफिसर सुमित सभरवाल ने इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रोक दी थी।हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं की है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन के बाद, इंडियन पायलट्स एसोसिएशन (FIP) ने भी इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। वहीं, RTI रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि भारत में पिछले 5 सालों में उड़ान के दौरान इंजन बंद होने की 65 बार घटनाएँ सामने आई हैं। यानी बोइंग विमानों में यह तकनीकी खराबी आती रही है।अमेरिकी मीडिया की इस रिपोर्ट का कोई ठोस आधार नहीं है। विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि क्या बोइंग एयरलाइंस अपनी कमियों को छिपाने के लिए विमान दुर्घटना के लिए पायलटों को दोषी ठहरा रही है?अमेरिकी मीडिया ने दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत की कॉकपिट रिकॉर्डिंग के ज़रिए यह दावा किया है। वॉइस रिकॉर्डिंग से पता चला है कि बोइंग विमान उड़ा रहे सह-पायलट क्लाइव कुंदर ने कैप्टन सुमित सभरवाल से पूछा, "आपने फ्यूल स्विच को कटऑफ पोज़िशन में क्यों रखा सवाल पूछते हुए सह-पायलट हैरान रह गए। उनकी आवाज़ में घबराहट साफ़ झलक रही थी। वहीं, कैप्टन सुमित शांत थे। आपको बता दें कि सुमित सभरवाल एयर इंडिया के विमान के सीनियर पायलट थे। उनके पास 15,638 घंटे और सह-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 3,403 घंटे उड़ान का अनुभव था।विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को विमान दुर्घटना की अपनी प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया है कि फ्यूल स्विच अचानक 'रन' से 'कटऑफ' पोज़िशन में चला गया, जिसके कारण दोनों इंजन बंद हो गए।जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए: भारत सरकार एएआईबी की रिपोर्ट जारी होने के बाद, नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने पिछले हफ़्ते कहा था कि यह रिपोर्ट केवल प्रारंभिक निष्कर्षों पर आधारित है और अंतिम रिपोर्ट जारी होने तक "किसी को भी जल्दबाज़ी में कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए"।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमें इस पर कोई निष्कर्ष निकालना चाहिए। मेरा मानना है कि हमारे पास दुनिया का सबसे अच्छा पायलट और चालक दल है। मैं देश के पायलटों और चालक दल के प्रयासों की सराहना करता हूँ, वे नागरिक उड्डयन की रीढ़ हैं। वे नागरिक उड्डयन के प्राथमिक संसाधन हैं। हम पायलटों के कल्याण और भलाई का भी ध्यान रखते हैं। इसलिए हमें इस समय किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँचना चाहिए और अंतिम रिपोर्ट का इंतज़ार करना चाहिए।"
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