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मंगलवार, 1 जुलाई 2025

रंग ला रही ‘नो रिप्लेसमेंट ब्लड’ स्कीम, जिला अस्पताल में 85 फीसदी मरीजों को बिना डोनर मिला खून

रंग ला रही ‘नो रिप्लेसमेंट ब्लड’ स्कीम, जिला अस्पताल में 85 फीसदी मरीजों को बिना डोनर मिला खून, 16 दिनों में मिला 173 यूनिट खून

गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई ‘नो रिप्लेसमेंट ब्लड’ मुहिम रंग लाने लगी है। इसके तहत पिछले एक पखवाड़े में जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से 85 फीसदी खून बिना डोनर के दिया जा सका है। हालात में बदलाव उन रक्तदाताओं के कारण आ रहा है जिनके सहयोग से 14 से 29 जून के बीच 173 यूनिट स्वैच्छिक रक्तदान हुआ है। इस दिशा में स्वैच्छिक रक्तदाताओं के साथ कई संस्थाएं व शैक्षणिक संस्थान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसी क्रम में बांसगांव के विधायक डॉ विमलेश पासवान ने अहम योगदान देते हुए पिछले दिनों अपने जन्मदिन पर खुद रक्तदान किया। रक्तदान शिविर में विधायक की प्रेरणा से करीब 50 यूनिट ब्लड डोनेशन के माध्यम से इकट्ठा हुआ। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ प्रशांत अस्थाना ने बताया कि सीएमएस डॉ संजय कुमार और सीएमओ डॉ राजेश झा के दिशा निर्देशन में इस पखवाड़े में कुल 6 रक्तदान शिविर लगाए गए। ये शिविर बांसगांव क्षेत्र, फर्टिलाइजर, शैक्षणिक और सामाजिक संस्थानों के सहयोग से लगे। इन शिविरों में लोगों ने स्वेच्छा से आगे आकर रक्तदान किया। इस कार्य में रेडक्रॉस सोसाइटी ने प्रमुखता से मदद की। इस अवधि में इकट्ठा किए गए रक्त में से 108 यूनिट खून बिना किसी डोनर के जरूरतमंद मरीजों को दिया जा सका, जबकि 18 यूनिट ब्लड डोनर के साथ दिया गया है। ब्लड डोनेशन की यह मुहिम और भी मजबूत होने के बाद शत प्रतिशत ‘नो रिप्लेसमेंट ब्लड’ दिया जा सकेगा। सीएमओ ने बताया कि मुहिम को सफल बनाने के लिए प्रचार प्रसार के साथ प्रोत्साहन की रणनीति पर भी काम किया जा रहा है। बीते दिनों एक सार्वजनिक समारोह का आयोजन कर स्वैच्छिक रक्तदाताओं को सम्मानित किया गया। इसका असर भी सामने आने लगा है। कई लोग प्रेरित होकर रक्तदान के लिए खुद आगे आ रहे हैं। शिक्षा विभाग की मदद से स्कूल कॉलेज के जरिये रक्तदान बढ़ाने का सतत प्रयास जारी है। जो लोग रक्तदान का फायदा समझ रहे हैं वह खुद ब्लड देने के लिए सामने आ रहे हैं। गोरखपुर के छपिया के रहने वाले कृष्ण चंद्र मौर्य ने पत्नी के साथ जिला अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंच कर रक्तदान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि वह पहले से रक्तदान करना चाहते थे लेकिन पूरी जानकारी नहीं थी। उनके एक मित्र के जरिये उन्हें पता चला कि जिला अस्पताल में रक्तदान करना व्यापक जनहित में होगा। उन्हें यह भी जानकारी हुई कि रक्तदान स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद है। जिला अस्पताल में डॉ प्रशांत अस्थाना के परामर्श ने उनका आत्मविश्वास और बढ़ाया। इस तरह उन्होंने स्वेच्छा से रक्तदान दिया। शीघ्र ही उनकी पत्नी भी रक्तदान करेंगी।

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