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मंगलवार, 17 जून 2025

Lmp. लेखनी, लोकसेवा और हरियाली के सशक्त सेतु हैं "गोला गौरव" महेश पटवारी

( अनिल कुमार श्रीवास्तव )
पत्रकार वही जो कलम को जनकल्याण का औज़ार बनाए, और शब्दों को समाज का संवेदनशील दर्पण, इस परिभाषा पर अगर कोई खरा उतरता है, तो वह हैं वरिष्ठ पत्रकार, सामाजिक चिन्तक एवं पर्यावरण प्रहरी महेश कुमार पटवारी।

उल्लेखनीय है कि 14 मार्च 1968 को जन्मे महेश कुमार पटवारी ने वाणिज्य में स्नातकोत्तर (एम.कॉम.) की उपाधि 1988 में प्राप्त की। इसी वर्ष उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने पहले लेख से जो कदम रखा, वह कालांतर में समाज, मीडिया और पर्यावरण के त्रिसंगम में एक प्रेरणादायक यात्रा में परिवर्तित हो गया। 1987 में नवभारत टाइम्स में प्रकाशित प्रथम आलेख ने ही उन्हें पहचान दिला दी।
1990 में दृष्टिकोण पत्रिका के क्रांति विशेषांक में लेखन और 1992-1996 तक हिंदुस्तान हेडलाइंस में राजनीतिक संवाददाता के रूप में सक्रिय भूमिका। 1997 में प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) जैसे राष्ट्रीय समाचार माध्यम में संवाददाता के रूप में चयनित होना उनकी लेखनी की गंभीरता और सरोकार का प्रमाण बना। 1998 में लोकसभा सचिवालय की गोविंद वल्लभ पंत पत्रकारिता प्रतियोगिता में विशेष सम्मान प्राप्त करना उनकी सृजनशीलता की उत्कृष्टता दर्शाता है। टीवी चैनलों और रेडियो पर बतौर विश्लेषक आमंत्रण, पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों में फील्ड रिपोर्टिंग और पत्रकार संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिका, यह सब उनके व्यापक अनुभव और पत्रकारिता के प्रति निष्ठा को दर्शाते हैं।
श्री पटवारी का पर्यावरण संरक्षण हेतु समर्पण उल्लेखनीय रहा है। वर्ष 2011-12 में वन विभाग के सहयोग से 50 से अधिक विद्यालयों में निःशुल्क पौधारोपण अभियान। 5 जून 2019 को पीलीभीत में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में प्रेरणादायक नेतृत्व। नगर के जलाशयों, घाटों की सफाई, दिव्यांगों हेतु रैम्प निर्माण और पत्राचार के माध्यम से सतत जागरूकता। कोविड महामारी के दौरान मई से अगस्त 2020 तक उन्होंने 35 संक्रमित परिवारों तक राहत सामग्री पहुँचाई। 17 दिवसीय जनजागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता का संदेश दिया। ग्राम पंचायत क्षेत्र में 16 दिव्यांगजनों को राशन कार्ड और पेंशन योजना का लाभ दिलवाया। भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं को प्रमाणपत्र और सरकारी योजनाओं से जोड़ने में सक्रिय भागीदारी। 2021 के विशेष शिविर में छात्रवृत्ति फॉर्म की त्रुटियों को संशोधित कराना, प्रशासन और समाज के बीच सेतु जैसी भूमिका। गोला गौरव से विभूषित श्री पटवारी को उनके कार्यों को लेकर सम्मान और उपलब्धियाँ भी मिलीं। वर्ष 2022 में श्रीरामनाथ द्विवेदी स्मृति सेवा रत्न सम्मान, भारतीय किसान परिषद द्वारा सम्मान (मार्च 2023), उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन द्वारा राज्य स्तरीय विशेष विश्लेषणात्मक लेखन सम्मान (मई 2023), रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति की गोण्डा बैठक में प्रभावशाली प्रस्तुति, विभिन्न कॉलेजों में "मीडिया साक्षरता और लोकतंत्र" पर अतिथि वक्ता के रूप में व्याख्यान में लोगों को मंत्रमुग्ध किया। 
श्री महेश पटवारी पत्रकारिता को केवल खबरों का संग्रह नहीं मानते, बल्कि इसे परिवर्तन की चिंगारी समझते हैं। उनके लिए लेखनी एक मिशन है, जो पर्यावरण बचाने, समाज को सजग करने और लोकतंत्र को सशक्त करने का माध्यम बनती है। उनकी सादगी, दृढ़ता और निरंतरता ने उन्हें युवा पत्रकारों के लिए एक प्रेरणास्रोत बना दिया है। उनकी यात्रा यह सिद्ध करती है कि एक सजग नागरिक, यदि अपनी संवेदनशीलता को कर्म से जोड़ दे, तो वह समाज में सकारात्मक क्रांति का वाहक बन सकता है।

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