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सोमवार, 5 मई 2025

Lmp . गेहूं की सुनहरी बालियों में सजी किसान की मुस्कान, प्रशासनिक समर्पण से बदली तक़दीर

लखीमपुर खीरी, 05 मई। कभी सूखे खेतों में उम्मीद बोने वाला किसान, आज उसी धरती से भरोसे की फसल काट रहा है। रबी विपणन वर्ष 2025-26 में जनपद लखीमपुर खीरी ने गेहूं खरीद के क्षेत्र में जो इतिहास रचा है, वह महज़ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि परिश्रम, नीतियों और संकल्प के त्रिवेणी संगम की कहानी है।

जहाँ एक ओर 4641 किसानों की मेहनत सुनहरी बालियों में परिलक्षित हुई, वहीं दूसरी ओर 40513.89 मीट्रिक टन की खरीद ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन किसानों के साथ खड़ा हो, तो खेतों से क्रांति फूट पड़ती है।

इस उपलब्धि के केंद्र में हैं जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, जिनकी दृष्टि में केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि किसान का भविष्य भी स्पष्ट दिखाई देता है। उनके नेतृत्व में लखीमपुर खीरी ने न केवल प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया, बल्कि लाखों दिलों में पहला स्थान बना लिया।

जब गेहूं क्रय केंद्र पहुँचे किसान के द्वार

जिस व्यवस्था में किसान को घंटों कतारों में खड़ा रहना पड़ता था, उसे अब एक नई दिशा मिली है। जनपद के 159 गेहूं क्रय केंद्रों को मोबाइल क्रय केंद्रों में रूपांतरित कर, प्रशासन ने यह संदेश दिया कि किसान को अब सुविधाओं के लिए नहीं दौड़ना होगा—अब व्यवस्था किसान के द्वार तक आएगी।

24 घंटे में मूल्य, वर्षों का भरोसा

भुगतान प्रक्रिया अब किसी आश्वासन की मोहताज नहीं, बल्कि 24 से 48 घंटे में किसानों के खातों में रकम सीधे पहुँच रही है। यह बदलाव केवल आर्थिक नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का निर्माण है—जिसमें किसान अब खुद को हाशिए पर नहीं, बल्कि विकास की अग्रिम पंक्ति में खड़ा महसूस कर रहा है।

यह बदलाव सिर्फ नीति का नहीं, नीयत का भी है।
यह कहानी केवल लखीमपुर खीरी की नहीं, बल्कि हर उस किसान की है जो धरती से जीवन खींच लाता है। और अब, जब शासन-प्रशासन उसकी मेहनत का सम्मान करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो, तो आने वाला कल निश्चित ही और भी सुनहरा होगा।

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