🔘 सेवा भारती सुभाष शाखा एवं प्रेम कपूर निःशुल्क चिकित्सालय का भावपूर्ण आयोजन
लखीमपुर। मोहल्ला संकटा देवी स्थित सेवा बस्ती में प्राचीन महर्षि वाल्मीकि मंदिर के आंगन ने आज एक पवित्र दृश्य देखा, जब "नर सेवा ही नारायण सेवा" के मंत्र को जीता-जागता रूप मिला। सेवा भारती, सुभाष शाखा और प्रेम कपूर निःशुल्क चिकित्सालय के सौजन्य से आयोजित इस स्वास्थ्य परीक्षण एवं जागरूकता शिविर में करुणा, संवेदना और सेवा की त्रिवेणी प्रवाहित होती रही।
सुबह से ही बस्ती के कोनों से माँ-बेटियों की जोड़ी, बुज़ुर्गों की धीमी चाल, मासूम आँखों में जिज्ञासा लिए बच्चे, सब मंदिर की ओर बढ़ चले। यह केवल चिकित्सा शिविर नहीं था, यह था एक विश्वास का उत्सव, जहाँ बीमारियों की जांच के साथ मन की पीड़ा का भी इलाज हो रहा था। डॉ. डी. के. वर्मा, डॉ. ओ. पी. श्रीवास्तव, डॉ. प्रदीप टंडन और सज्जन गौड़ जैसे अनुभवी चिकित्सकों ने न केवल 83 रोगियों का परीक्षण किया, बल्कि उनके चेहरों पर सुकून की मुस्कान भी लौटाई। किसी को आवश्यक दवा मिली, तो किसी ने पहली बार ब्रश और पेस्ट की डेंटल-किट को हाथ में थामा। शुगर और बीपी की 41 जाँचों के साथ ही 38 बच्चों को स्वर्ण प्राशन की खुराक देकर जीवन की ओर उनका पहला सशक्त क़दम बढ़ाया गया। शिविर केवल औषधियों का वितरण नहीं था, यह एक विचार का बीजारोपण था, स्वस्थ रहने की आदतें, संयमित जीवनशैली और नियमित जांच की महत्ता को सरल शब्दों में समझाया गया। डॉक्टरों ने जीवन को रचना सिखाई, जहाँ संतुलित आहार और समय की दवा सबसे बड़ा वरदान है। इस प्रेरक आयोजन में डॉक्टर डी. एन. मालपानी, रजनीश गुप्ता, राम मोहन गुप्त, योगेश जोशी, मनिंद्र मिश्रा, राकेश जायसवाल, अनुज शुक्ला, सर्वेश शुक्ला, पंकज सोनी, प्रेम प्रकाश, प्रदीप, अक्षत, रोहन, राजेश और अमित सहित अनेक स्वयंसेवकों ने सेवा को धर्म माना और मुस्कराते चेहरों का संसार रचा। इस दिन सेवा बस्ती में न केवल दवा दी गई, बल्कि आशा, विश्वास और आत्मीयता का स्पर्श भी बांटा गया। यही है भारत की आत्मा, जहाँ एक मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं, सेवा का भी धाम बन जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments