लखीमपुर खीरी, 13 मई। जहाँ सड़कें नहीं जातीं, वहाँ उम्मीदें नाव पर सवार होकर आती हैं। नेपाल सीमा से लगे निघासन तहसील के सुदूरवर्ती गांव चौगुर्जी में मंगलवार की सुबह कुछ ऐसी ही उम्मीदों ने दस्तक दी। सूरज उगने से पहले ही प्रशासनिक अमला मोटरबोट के सहारे नदी पार कर इस गांव में पहुँचा हाथों में योजनाओं की सौगात, चेहरों पर जिम्मेदारी की चमक और मन में सेवा का संकल्प लिए।
गांव वालों ने शायद कभी नहीं सोचा था कि ज़िला अधिकारी, पुलिस कप्तान और क्षेत्रीय विधायक एक साथ त्रिसन्धि के रूप में खुद उनके द्वार पर आएंगे। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी संकल्प शर्मा और विधायक शशांक वर्मा जब चौगुर्जी की ज़मीन पर उतरे, तो वह सिर्फ एक यात्रा नहीं थी यह सरकार की संवेदनशीलता और संकल्प का जीवंत प्रतीक था।
गांव में लगी चौपाल सिर्फ योजनाओं का मंच नहीं थी, यह संवाद और सशक्तिकरण का सेतु बन गई। जब उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मान मिला, राशन कार्ड और फ्लड किट वितरित हुईं, तो लोगों ने सिर्फ सामग्री नहीं, सरकार की निकटता पाई।
डीएम ने जब घोषणा की कि गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए सेतु निर्माण प्रस्ताव भेजा जा चुका है और तब तक प्लाटून पुल की व्यवस्था की जाएगी, तो ग्रामीणों की आँखों में बरसों की प्रतीक्षा तृप्त होने लगी।
यह गांव सिर्फ नक्शे पर नहीं रहेगा, हर योजना अब ज़मीन पर दिखेगी, उनकी यह बात गांव की मिट्टी में गूंज बन गई।
अधिकारियों ने जब स्कूल का निरीक्षण किया, तो कक्षा 1 और 2 के बच्चों ने अपनी नन्हीं जुबां से ज्ञान के मोती बिखेर दिए। अक्षर ज्ञान की दक्षता देख डीएम ने न सिर्फ सराहना की, बल्कि शिक्षकों को उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से नवाज़ा। बच्चों को बिस्किट बांटते हुए उनकी मुस्कुराहटों में जैसे आने वाले कल की रौशनी झलकने लगी।
विधायक शशांक वर्मा ने चौगुर्जी को स्मार्ट क्लास, फर्नीचर और मूलभूत सुविधाओं से जोड़ने का आश्वासन देते हुए कहा हमारे पास न कोई दूरी है, न कोई देरी हम आपके हर सपने को पूरा करने में लगे हैं। आज चौगुर्जी न केवल जिला मुख्यालय से जुड़ा, बल्कि विकास की उस मुख्यधारा से भी जुड़ गया, जिससे वह दशकों तक अछूता रहा। जब प्रशासन खुद नदी पार कर आपकी दहलीज़ पर आए, तो समझिए कि अब बदलाव दूर नहीं।
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