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शनिवार, 10 मई 2025

Lmp. वीरता के प्रतीक महाराणा प्रताप जयंती पर क्षत्रिय सेवा सद्भाव समिति की प्रेरणादायी संगोष्ठी

लखीमपुर। जिला पंचायत गेस्ट हाउस का वातावरण उस दिव्य ऊर्जा से अनुप्राणित हो उठा, जब क्षत्रिय सेवा सद्भाव समिति के तत्वावधान में महाराणा प्रताप जयंती की अवसर पर एक भावपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। समिति के अध्यक्ष डॉ0 राजवीर सिंह की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्रभक्ति, आत्मसम्मान और सामाजिक चेतना का अद्भुत संगम देखने को मिला।

संगोष्ठी की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई जैसे शब्द नहीं, आत्मा गा रही हो। इसके पश्चात सभी सदस्यों ने राष्ट्रगौरव महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। हर पुष्प मानो राणा की वीरगाथा को दोहरा रहा था, वह गाथा जो केवल इतिहास नहीं, आत्मगौरव की अमिट कथा है। समिति के संरक्षक विनोद सिंह व डॉ0 अरुण सिंह ने महाराणा प्रताप के जीवन की उज्ज्वल विभूतियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यदि हम उनके सिद्धांतों को जीवन में उतार लें, तो हर व्यक्ति के भीतर एक "प्रताप" जाग सकता है। उनका आत्मबल, मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम और स्वाभिमान की अग्नि आज भी हमारे लिए पथप्रदर्शक है। 

अध्यक्ष डॉ0 राजवीर सिंह ने महाराणा प्रताप के स्वाभिमान, त्याग और संघर्ष की अनुपम मिसालें साझा कीं। सचिव शिशिर सिंह ने उनके जीवन से जुड़े ऐसे प्रसंग सुनाए जिन्होंने उपस्थित जनों की आँखें नम कर दीं, और हृदयों में गर्व का ज्वार उमड़ पड़ा। इस अवसर पर आगामी राजा लोन सिंह प्रतिभा सम्मान समारोह (दिनांक 25 मई 2025, रविवार) की रूपरेखा पर चर्चा हुई। मेधावी विद्यार्थियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया आरंभ करने तथा कार्यक्रम को भव्य स्वरूप देने हेतु सदस्यों ने अपने-अपने बहुमूल्य सुझाव भी दिए।

 कार्यक्रम में समिति के कोषाध्यक्ष रामवीर सिंह, शैलेंद्र सिंह, शैलेंद्र प्रताप सिंह, रमेश सिंह, चन्द्रशेखर सिंह सहित अनेक समर्पित सदस्य उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में पधारे अजय सिंह, डॉ अभिषेक प्रताप सिंह व जितेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशिष्ट आयाम प्रदान किया। कुलमिलाकर इस संगोष्ठी ने यह स्पष्ट किया कि महाराणा प्रताप केवल इतिहास के पृष्ठों में नहीं, आज भी हमारे विचारों, निर्णयों और चेतना में जीवित हैं। यह आयोजन केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, आत्मगौरव और सामाजिक जागरण का अमृत पर्व बन गया।

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