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शनिवार, 10 मई 2025

विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना के सामने पाकिस्तान ने टेके घुटने चाइना से मिले रडार और एयर डिफेंस सिस्टम हुए फुस्स

विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना के सामने पाकिस्तान ने टेके घुटने चाइना से मिले रडार और एयर डिफेंस सिस्टम हुए फुस्स


 भारतीय सेना ने लगातार पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों के उनके रडार और एयर डिफेंस सिस्टम पर जोरदार हमला कर उन्हें निष्क्रिय कर दिया है. ताकि भारत आसानी से पाकिस्तान में घुसकर अपने लक्ष्य को भेद सके. भारत लगातार पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला कर रहा है. एक के बाद एक आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ पाक बाकी देशों से कटोरा लेकर भीख और हर तरह की मदद मांग रहा है. शायद पाक ये भूल गया था कि उसका सामना विश्व के चौथे स्थान वाली वायु सेना से हो रहा है.पाकिस्तान के रडार और एयर डिफेंस को खत्म करने में भारतीय ड्रोन हारोप बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. यह ड्रोन हवा में 9 घंटे तक रह सकता है और साथ ही 1000 किलोमीटर तक ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम भी है. इस ड्रोन का उपयोग आतंकवादियों खत्म करने के मिशन के लिए और अन्य मिशनों के लिए किया जाता है. इस ड्रोन को एक विशेष डिजाइन के रूप में तैयार किया जाता है जिससे वह आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके. हारोप ड्रोन इलेक्ट्रो ऑप्टिकल, इंफ्रारेड, रंगीन सीसीटीवी कैमरा, एंटी रडार होमिंग क्षमताओं से लैस है जो किसी भी लक्ष्य को चिन्हित करने और उसे भेदने में मदद करते हैं.भारतीय सेना पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में रडार और एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला कर रही है .सेना की भाषा में इसे सीड कहा जाता है. सीड यानी सप्रेशन इनेमी एयर डिफेंसज . इसका मतलब दुश्मन के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को पंगु करना है. पाकिस्तान भारत के कई शहरों को मिसाइलों के जरिए निशाना बना रहा है लेकिन भारतीय वायु सेना अपने मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम से उसे विफल कर दे रहा है.द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन की वायु सेना ने सीड सिस्टम का उपयोग अपने दुश्मनों के खिलाफ किया था. इसके बाद उसने जर्मनी के खिलाफ भी इसी सिस्टम का उपयोग किया. अमेरिका ने भी वियतनाम के साथ युद्ध में सीड सिस्टम का उपयोग कर वियतनाम को करारी शिकस्त दी थी.भारतीय वायु सेवा की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी इसके पहले वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल सुब्रत मुखर्जी थे. आजादी से पहले भारतीय वायु सेवा का नाम रॉयल इंडियन एयर फोर्स था. द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की वायु सेवा ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. आजादी के बाद रॉयल्स हटाकर इसे सिर्फ भारतीय वायु सेना कर दिया गया.देश की आजादी के बाद भारतीय वायु सेना ने हमेशा देश के दुश्मनों के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोला और देशवासियों को उस पर गर्व है . भारतीय वायु सेना आधुनिकतम हथियारों से लैस विश्व में चौथे स्थान पर है. इस बार भी भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोला हुआ है और अपनी मिसाइलों और अन्य उपकरणों , हथियारों के जरिए आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

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