षट्कर्म एवं सूर्य-नमस्कार अभ्यास कार्यक्रम के साथ 50 दिवसीय योग जन-जागरूकता अभियान का 24वां दिन सफलतापूर्वक सम्पन्न
25 मई। लखीमपुर
शहर के ईदगाह स्थित स्व० संकटा प्रसाद वाजपेई उद्यान में जिला आयुष समिति के निर्देशन एवं सहयोग से योग रंजन फाउंडेशन द्वारा संचालित 50 दिवसीय योग जन-जागरूकता अभियान के 24वें दिन विशेष योग अभ्यास सत्र का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर योग साधकों को षट्कर्म के अंतर्गत जलनेति एवं रबड़ नेति जैसी विशेष शुद्धिकरण क्रियाओं का अभ्यास कराया गया। इन क्रियाओं का उद्देश्य शरीर की शुद्धि, मानसिक स्पष्टता और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होता है, जो योग विज्ञान में इसे गले के ऊपर के समस्त रोगों में अत्यंत प्रभावशाली माना जाता हैं।
साथ ही, प्रत्येक रविवार को चल रही 54 सूर्य-नमस्कार श्रृंखला की 72वीं कड़ी का अभ्यास भी पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ सम्पन्न हुआ। सूर्य-नमस्कार न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है, बल्कि आत्मिक संतुलन और जीवनशैली में अनुशासन भी लाता है।
कार्यक्रम का संचालन योगाचार्य प्रिंस रंजन बरनवाल एवं योग शिक्षिका प्रगति बरनवाल द्वारा किया गया, जिनके निर्देशन में साधकों ने योग के वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक पहलुओं का गहन अभ्यास किया।
योग शिविर में योग प्रशिक्षक नूपुर गुप्ता, प्रतीक तिवारी एवं राजदीपिका तिवारी की सक्रिय उपस्थिति रही, जिन्होंने प्रतिभागियों को तकनीकी सहायता एवं आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की ओर प्रेरणा:
यह 50 दिवसीय अभियान 21 जून 2025 को मनाए जाने वाले 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी एवं जनसामान्य को योग से जोड़ने की प्रेरणा से संचालित है। इस वर्ष का योग दिवस “एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग” की थीम पर केंद्रित रहेगा।
अभियान का उद्देश्य यही है कि अधिक से अधिक लोग योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं, जिससे न केवल व्यक्तिगत स्तर पर स्वास्थ्य लाभ मिले, बल्कि समाज में सकारात्मकता, अनुशासन और मानसिक संतुलन भी स्थापित हो।
योग रंजन फाउंडेशन द्वारा पार्कों, विद्यालयों में चल रहे समर कैम्प व अन्य संस्थाओं में योग विज्ञान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य जनमानस को योग के प्रति जागरूक कर एक स्वस्थ, सशक्त एवं सकारात्मक समाज की स्थापना करना है। यह अभियान प्रतिदिन भिन्न-भिन्न योग विषयों के साथ 50 दिनों तक चलेगा, जिसमें सैकड़ों साधक नियमित रूप से भाग ले रहे हैं।
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