लखीमपुर खीरी, 15 मई। पलिया तहसील की सुदूरवर्ती ग्राम पंचायत घुसकिया के बलेरा मजरे में थारू जनजाति की महिलाओं के आत्मनिर्भरता की कहानी अब नई दिशा लेने जा रही है। गुरुवार को सीडीओ अभिषेक कुमार ने यहां एकीकृत जनजाति विकास परियोजना द्वारा संचालित थारू हस्तशिल्प उत्पादन एवं विक्रय केंद्र का निरीक्षण कर महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की सराहना की और उनके बाज़ार विस्तार की संभावनाएं टटोलीं। इस दौरान मुख्य रूप से परियोजना निदेशक (डीआरडीए) एसएन चौरसिया, परियोजना अधिकारी यूके सिंह मौजूद रहे।
*हर दिन बिकते हैं हजारों के उत्पाद, अब ऑनलाइन होगी दस्तक*
सीडीओ के सवाल पर महिलाओं ने बताया कि हस्तशिल्प उत्पादों की रोज़ाना 3 से 5 हजार रुपये तक की बिक्री हो जाती है, साथ ही उन्हें एडवांस में बल्क ऑर्डर भी मिल रहे हैं। इस पर सीडीओ ने उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से जोड़ने की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने इस केंद्र में एक इनवर्टर बैटरी लगाए जाने हेतु परियोजना अधिकारी यूके सिंह को निर्देशित किया।
*सशक्त होती महिलाएं, साकार होता स्थानीय हुनर*
सीडीओ अभिषेक कुमार ने इस पहल को आर्थिक स्वावलंबन की मिसाल बताते हुए कहा कि थारू समुदाय की पारंपरिक कला और कौशल को वैश्विक मंच तक पहुँचाना सरकार की प्राथमिकताओं में है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन्हें प्रशिक्षण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग के क्षेत्र में भी सहयोग दिया जाएगा।
*सामुदायिक शौचालय का भी लिया जायजा*
निरीक्षण के दौरान निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालय का भी जायजा लिया। सीडीओ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए जल्द से जल्द इसका निर्माण पूर्ण कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को इसकी सुविधा मिल सके।
*विद्यालय निरीक्षण: गुणवत्ता और उपस्थिति पर रहा फोकस*
सीडीओ अभिषेक कुमार ने गांव के परिषदीय विद्यालय बलेरा का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कक्षाओं, पठन-पाठन, छात्र उपस्थिति, साफ-सफाई और मिड डे मील की स्थिति का जायजा लिया। शिक्षकों को निर्देशित किया गया कि शिक्षा की गुणवत्ता में कोई समझौता न हो और छात्र उपस्थिति नियमित बनी रहे।
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